हरियाणा: अवैध खनन के चलते 50 स्टोन क्रशर बंद करने को मजबूर हुआ प्रशासन!

हरियाणा के यमुनानगर से अवैध खनन के बढ़ते मामलों के चलते खान और भूविज्ञान विभाग ने पिछले चार महीनों में जिले में 50 स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट को पोर्टल से बंद कर दिया है. पोर्टल से बंद किए जाने के बाद ये स्टोन क्रशर कंपनियां अब व्यावसायिक गतिविधियां नहीं कर पाएंगी.
विभाग द्वारा पिछले साल सितंबर से दिसंबर तक चलाए गए अभियान के दौरान अवैध खनन के मामलों में बढ़ोतरी के बाद यह कदम उठाया गया है. कई क्रशर मालिक कथित रूप से बजरी और रेत खरीदने और बेचने के लिए नकली रसीदों या ट्रांजिट पास का प्रयोग करते हुए पाए गए थे जिससे सरकार को राजस्व का और खदानों के पट्टेदारों को रॉयल्टी का नुकसान हो रहा था.
विभाग ने अवैध रूप से खनन करने वालों के खिलाफ 21 एफआईआर दर्ज कराईं हैं. यमुनानगर के सहायक खनन अभियंता राजेश सांगवान ने अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून को बताया, “हम पिछले चार महीनों में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने में सफल रहे हैं.”
यह कार्रवाई लीजधारियों के लिए भी फायदेमंद साबित हुई क्योंकि उन्हें रायल्टी मिलने लगी है और वे अपनी मासिक लीज राशि नियमित रूप से सरकार के पास जमा करने में सक्षम हैं.
राज्य सरकार ने खदानों, स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट से खनन सामग्री की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 2020 में ई-ट्रांजिट पास (ई-रवाना) प्रणाली शुरू की थी. प्रणाली के तहत, पट्टा धारक और क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट मालिक मैन्युअल बिल जारी करने के बजाय खरीदारों को पोर्टल के माध्यम से सामग्री परिवहन के लिए ई-ट्रांजिट पास जारी करते हैं.
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