अंबाला: गोगा माड़ी का मेला देखने गए घुमंतू समुदाय के युवक की पिटाई, युवती से छेड़छाड़ के आरोप में भेजा जेल!

 

अंबाला कैंट के पास स्थित बब्याल में गोगा माड़ी पर भादवे के महीने में हर साल मेला लगता है. मेला देखने गए विमुक्त घुंमतू समुदाय के मंगता चमार समाज के युवक के साथ गोगा माड़ी कमेटी के लोगों ने मारपीट की और युवती छेड़ने का आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया. गोगा माड़ी मुख्य तौर पर राजपूत समुदाय के लोग पूजा करते हैं. गूगा माड़ी के नाम पर एक कमेटी भी चलती है जिसमें अधितकर सदस्य राजपूत समुदाय से ही हैं. हर साल लगने वाले इस मेले में झूलों सहित दर्जनों दुकानें लगती हैं. आस-पास के लोग अपने बच्चों के साथ मेला देखने आते हैं. इस पूरे मेले का रखरखाव राजपूत समुदाय के लोग ही करते हैं.

वहीं मेला स्थल यानी गोगा माड़ी से मजह सौ मीटर की दूरी पर सैनिक कॉलोनी में विमुक्त घुमंतू समुदाय से आने वाले मंगता चमार समाज के करीबन तीन सौ परिवार रहते हैं. आस-पास के लोग इस बस्ती को ‘डेहा बस्ती’ के नाम से बुलाते हैं. हालांकि इस कॉलोनी में डेहा समाज के लोग नहीं रहते हैं यहां अधिकतर मंगता चमार समाज से लोग रहते हैं.

वहीं 13 अगस्त को गोगा माड़ी कमेटी के लोगों ने मंगता चमार समाज के यहां रिश्तेदारी में आए एक 20 साल के युवक को युवती से छेड़छाड़ के आरोप में बुरी तरह पीट दिया. 20 साल के पत्रका के रिश्तेदारों ने बताया कि वह होशियारपुर से यहां कुछ दिन रहने के लिए आया था. मेले में गए पत्रका को राजपूत समुदाय के 10 से 12 लोगों ने मिलकर पिटा. उसका कसूर इतना था कि वह गोगा माड़ी में मेला देखने के लिए चला गया था. मेले में युवक की पिटाई के बाद मंगता चमार डेरे के लोग और गोगा माड़ी कमेटी के लोग आमने सामने हो गए. मंगता चमार समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि जब हम युवक को पिटने से बचाने के लिए गोना माड़ी पहुंचे तो हमारी महिलाओं और पुरुषों के साथ भी मारपीट की गई और हमें जातिसूचक गालियां दी गई. इस भिड़ंत में दोनों पक्षों के करीब 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और बचाव करने पहुंचे महेशनगर थाने के पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए.

मंगता चमार समाजी द्वारा लिखी शिकायत.

दरबार सिहं ने बताया, “इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज करवाने गए मंगता चमार समुदाय के लोगों का मामला दर्ज नहीं किया गया. उलटा जो लोग अंबाला के महेशनगर थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए गए थे पुलिस ने उनके खिलाफ ही मारपीट करने का आरोप लगाकर केस दर्ज करके लॉकअप में बंद कर दिया और अगले दिन कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया. थाने में केस दर्ज करवाने के लिए गए ओम प्रकाश, दीप सिंह, जोरा सिंह और विकास चारों जेल में हैं.” जिस जोरा सिंह पर हमला किया गया जिसकी मेडिकल रिपोर्ट आप देख  सकते हैं उसको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर के कोर्ट में पेश कर दिया.

जेल में बंद 24 वर्षीय जोरा सिंह की मेडिकल रिपोर्ट.

मंगता चमार डेरे के लोगों ने आरोप लगाया कि हमारी बस्ती के लोगों का गोगा माड़ी मेले में जाने की मनाही है. मंगता चमार डेरे के रहने वाले क्रांति ने बताया, “हमारे लोगों की गोगा माड़ी में जाने की मनाही है. हमारे डेरे के लोगों को गोगा माड़ी के मंदिर में प्रवेश नहीं जाने करने दिया जाता है. ये लोग हमें नीच समझते हैं और जातिसूचक गालियां तक देते हैं. पिछले कईं सालों से हमारे लोगों ने गोगा माड़ी के अंदर और मेले में जाना बंद कर दिया है. उन्होंने आगे बताया हमारे साथ मारपीट करने का यह पहला मौका नहीं है इससे पहले हमारी महिलाओं के साथ भी मारपीट की गई थी. तब हमारे डेरे की दो तीन महिलाएं सूखी लकड़ी इकट्ठा करने के लिए गोगा माड़ी के अंदर चली गईं थीं उन लोगों ने हमारे समाज की महिलाओं पर हाथ उठाया जब हमने पुलिस में शिकायत की तो उस वक्त भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई थी.”  

वहीं गोगा माड़ी कमेटी की ओर से अनिल शिकायतकर्ता हैं. जिन्होंने 14 अगस्त को थाना महेशनगर में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता अनिल ने अपनी शिकायत में बताया कि 13 अगस्त को गोगा माड़ी में मान सिंह, हरनेक सिंह, सुखदेव सिंह, नेक सिंह, क्रांति, रामबीर, जुगनु और 150 से 200 लोगों ने कमेटी के सदस्यों को जान से मारने की नीयत से हमला किया.

वहीं इस मामले पर जब ऑल इंडिया विमुक्त घुमंतू जनजाति वेलफेयर संघ के अध्यक्ष रविंद्र भांतू से बात की गई तो उन्होंने कहा, “अंबाला के विमुक्त घुमंतू समुदाय के लोगों के साथ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. हैरानी होती है कि आजादी के 75 साल बाद भी जाति के नाम पर लोगों के साथ मारपीट और भेदभाव हो रहा है. हमारे संगठन द्वारा हरियाणा के तमाम अधिकारियों तक यह शिकायत पहुंचाई गई जिले के बड़े अधिकारियों से मैंने खुद फोन पर बात की लेकिन उसके बाद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. अब पीड़ित लोगों पर ही समझौते का दबाव बनाया जा रहा है.”       

डीएनटी वेलफेयर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राजपूत समुदाय की ओर से घुमंतू समाज के लोगों को परेशान करने वाले बीजेपी के नेता हैं जिनमें डिंपल राणा, अनिल राणा, सोमपाल राणा शामिल हैं.

वहीं गूमा माड़ी की ओर से पक्ष रखते हुए करीबन 27 साल के राजन ने बताया कि डेहा समाज के लोग परिवार रहते हैं जिनमें से अधिकतर ईसाई बन चुके हैं. ये लोग यहां दर्शन करने के लिए नहीं मेले में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए आते हैं. 13 अगस्त को भी डेहा समाज के एक लड़के ने एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी जिसके बाद उसको पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था.”

वहीं जब इस मामले में पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है. यानि घटना के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी विमुक्त घुमंतू समाज के लोगों की शिकायत दर्ज नहीं की गई है.