प्रिवेंटिव डिटेंशन में 23 फीसदी की बढ़ोतरी, 2017 के बाद से हिरासत में लिए गए 50 फीसदी लोग जेल में बंद!
देशभर की जेलों में 1 लाख 10 हजार से अधिक लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट के तहत जेल में रखा गया है यह आंकड़ा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा पिछले महीने जारी रिपोर्ट में सामने आया है. प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत जेल में रखे गए लोगों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में 23.7% की बढ़ोतरी हुई है. जेल में रखे गए लोगों में से 483 यूएपीए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में थे. 2021 तक 24,500 से अधिक लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत जेल में रखा गया. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा 2017 के बाद से सबसे अधिक रहा.
क्या है प्रिवेंटिव डिटेंशन
प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट यानी एहतियातन हिरासत एक्ट के तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को इस शक पर गिरफ्तार कर सकती है कि वह कोई अपराध कर सकता है या उसमें शामिल हो सकता है. इस एक्ट की सबसे बड़ी बात है कि इसमें पुलिस हिरासत में या गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को कारण बताने की जरूरत नहीं पड़ती और 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की भी बाध्यता नहीं है.
वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट में पाया गया कि 2017 में कुल 67,084 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 2017 के बाद से लगातार बढ़ रही है. 2018 में 98,700 से अधिक और 2019 में 1.06 लाख से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. वहीं 2020 में 89,405 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में रखा गया.
वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट में पाया गया कि 2017 में कुल 67,084 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 2017 के बाद से लगातार बढ़ रही है. 2018 में 98,700 और 2019 में 1.06 लाख से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. वहीं 2020 में 89,405 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में रखा गया तो वहीं 2021 में 1,10,683 लोगों को हिरासत में लिया गया जिनमें से 24,525 लोगों को 2021 के अंत तक हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया.
2020 में 741 लोगों पर एनएसए लगाकर जेल में रखा गया जबकि 2021 में यह आंकड़ा 483 था. 2017 से 2021 तक जेल में बंद किये गए कुल लोगों में से 49.8% लोग आज भी इस कानून के तहत जेल में बंद हैं.