पंचकूला: माइनिंग कंपनी ने अधिकारियों की मिलीभगत से किया 35 करोड़ का खनन घोटाला!

 

हरियाणा में आए दिन माइनिंग माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से खनन के मामले सामने आ रहे हैं इसी कड़ी में स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने पंचकूला में अवैध खनन के आरोप में एक माइनिंग फर्म, मालिकों और माइनिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. स्टेट विजीलेंस ब्यूरो की जांच में 35 करोड़ के माइनिंग घोटाले की बात सामने आई है. माइनिंग अधिकारियों ने खनन फर्म के साथ मिलकर 35 करोड़ रुपए का घोटाला किया है.

विजीलेंस ब्यूरो ने हरियाणा स्पेस एपलिकेशन सेंटर की मदद से अवैध खनन के घोटाले को उजागर किया है. दरअसल तिरुपति रोडवेज नाम की फर्म को पंचकूला के रत्तेवाली गांव में खनन के लिए टेंडर जारी किया गया था. विजीलेंस ब्यूरो की टीम जब 11 मई, 2022 को साइट पर गई तो पाया कि 5 मई से 11 मई, 2022 के बीच माइनिंग साइट से रेत से भरे कुल 1,868 ट्रक निकाले गए जबकि एंट्री में केवल 518 ट्रकों के बिल दिखाए गए हैं.

वहीं हरियाणा स्पेस एपलिकेशन सेंटर की रिपोर्ट से पता चला कि पंचकूला के रत्तेवाली गांव की खदान से निकाली गई कुल मात्रा 47.66 LTPA थी. जबकि फर्म को माइनिंग साइट से केवल केवल 8.39 LTPA तक मेटिरियल निकालने की मंजूरी थी.
इस तरह खनन कंपनी ने एक साल के लिए तय क्षमता से छह गुना ज्यादा खनन कर करीबन 35 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है.

स्टेट विजीलेंस ब्यूरो ने प्रदेश के मुख्य सचिव को मामले की सूचना देते हुए लिखा कि खनन विभाग के अधिकारियों ने प्राइवेट माइनिंग कंपनी के साथ मिलकर अवैध खनन और कर चोरी के घोटाले को अंजाम दिया है. इस बीच माइनिंग कंपनी और माइनिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 379 (चोरी के लिए), और खान और खनिज अधिनियम 1957 के तहत मामला दर्ज किया गया है.