हरियाणा में मनमाने ढंग से चलाया गया शिक्षकों का तबादला अभियान: हाई कोर्ट

 

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा चलाए गए शिक्षकों के तबादला अभियान को गलत बताते हुए इसे स्पष्ट रूप से छात्रों के हितों की अनदेखी और अधिकारियों की सनक का नतीजा बताया. जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने शिक्षकों के तबादलों की वजह से छात्रों को आई दिक्कतों को स्पष्ट करने के लिए वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर को अदालत में हाजिर रहने का निर्देश दिया है.

बता दें कि प्रदेश भर के शिक्षकों ने सरकार के ट्रांसफर ड्राइव अभियान का विरोध किया था. सरकार के ट्रांसफर ड्राइव अभियान के खिलाफ शिक्षक सड़कों पर भी उतरे थे लेकिन सरकार ने शिक्षकों की मांगों की परवाह किए बिना ट्रांसफर ड्राइव स्कीम लागू कर दी जिसके बाद शिक्षकों ने हाई कोर्ट का रुख किया और अब हाई कोर्ट ने भी शिक्षकों की ट्रांसफर ड्राइव स्कीम पर सवाल खड़े करते हुए इसे मनमाने तरीके से लागू करने वाली स्कीम बताया है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस गिल ने जोर देकर कहा कि यह समझ से परे है कि अधिकारी “इतनी गहरी नींद” में कैसे चले गए. स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग में अनुपातहीनता की गई है, जहां विषय के छात्रों की संख्या शून्य या न्यूनतम है वहां शिक्षक लगाए गए और दूसरी ओर जहां छात्रों की संख्या ज्यादा थी वहां विषय के शिक्षकों को तैनात नहीं किया गया.

याचिकाकर्ता के वकील की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों को पढ़ने और तर्कों को सुनने के बाद जस्टिस गिल ने कहा, “एक दस्तावेजों से पता चलता है कि आठ स्कूलों में, छात्रों की कुल संख्या के मुकाबले विषय शिक्षकों की अनुपातहीन संख्या उपलब्ध है. कुछ स्कूलों में छात्र नहीं होने पर भी तीन-तीन शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है. वहीं जहां छात्रों की अच्छी संख्या है वहां किसी भी विषय के शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं किया गया है.”