लखीमपुर खीरी: बैंक वसूली के सदमे से कर्ज में डूबे किसान की मौत!
उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी के जमालपुर गांव के रहने वाले किसान छोटेलाल की सदमे से मौत हो गई. मृतक किसान ने 2010 में ग्राम्य विकास बैंक से 60 हजार रुपये कर्ज लिया था, जिसे चुका नहीं पाए थे. परिजनों का आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने कर्ज वसूली को लेकर उन्हें घर पर आकर प्रताड़ित और बेइज्जत किया था. मृतक किसान के बेटे गोपीचंद की शिकायत पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
किसान की मौत को लेकर किसान संगठनों में रोष है. किसान नेताओं ने बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. केवल वह आठ बीघा जमीन के मालिक मृतक किसान के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वह बैंक का 60 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका पाए और यह रकम ब्याज समेत बढ़कर तीन लाख रुपये से ऊपर पहुंच गई थी. जिसका वसूली के लिए बैंक अधिकारी किसान छोटेलाल पर दबाव बना रहे थे
हिंदी अखबार अमर उजाला के अनुसार मृतक किसान के बेटे गोपीचंद में बताया, “मंगलवार दोपहर करीब 3:00 बजे ग्राम्य विकास बैंक के अधिकारी कार से आए. उनके पिता छोटेलाल को गाड़ी में बैठाकर लखीमपुर ले जाने लगे. गांववालों के विरोध करने पर करीब ढाई घंटे बाद उन्हें 500 रुपये रिश्वत लेकर छोड़ दिया और कर्ज अदा नहीं करने की दशा में जमीन नीलाम करने की धमकी देकर चले गए. समाज में बेइज्जती होने की वजह से उन्हें गहरा सदमा लगा. रात में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.”
वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार दीक्षित, राष्ट्रीय किसान शक्ति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने किसान की मौत के लिए बैंक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.