हरियाणा: ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ ठप्प साबित हुई!
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार फिर से वोट मांगने के लिए जनता के बीच होंगे लेकिन सांसदों द्वारा हरियाणा में गोद लिए गए 58 गांवों में 1,951 परियोजनाओं में से 908 (47%) से अधिक अभी तक शुरू नहीं हुई हैं. अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार जिन गांवों को ‘आदर्श गांव’ में तब्दील किया जाना है, उनमें से 400 से अधिक परियोजनाएं पिछले तीन या चार वर्षों से शुरू ही नहीं हो पाई हैं. जबकि 2019-20 से केवल 912 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई हैं, 131 परियोजनाएं पूरी होने के विभिन्न चरणों में हैं.
2019-20 से शुरू होने वाली परियोजनाओं की संख्या 201 है. 2019-20 में, सांसदों ने कुल 634 परियोजनाओं के साथ 14 गांवों को गोद लिया. इनमें से केवल 379 परियोजनाएं पूरी हुईं जबकि 54 में काम जारी है. साल 2020-21 में भी 201 परियोजनाएं शुरू नहीं हो सकीं. इस साल सांसदों द्वारा कुल 440 परियोजनाओं के साथ 13 गांवों को गोद लिया गया. इनमें केवल 203 को ही पूरा किया गया और लगभग 36 परियोजनाओं पर काम जारी है.
इसी प्रकार 2021-22 में 13 गांवों में चिन्हित 286 परियोजनाओं में से 81 को पूरी किया गया. जबकि 186 परियोजनाएं अभी शुरू होनी बाकी हैं तो वहीं 19 परियोजनाओं अधूरी हैं. साल 2022-23 में सांसदों ने 250 परियोजनाओं के साथ 10 गांवों को गोद लिया. इनमें 62 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, आठ पर काम चल रहा है. 180 परियोजनाएं अभी शुरू होनी बाकी हैं.
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 10 गांवों में 341 परियोजनाओं की पहचान की गई. जबकि 187 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 14 पर काम चल रहा है और 140 परियोजनाओं पर काम शुरू होना बाकी है. बता दें कि 11 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत सांसदों को गांव गोद लेने थे जिनमें गोद लिए गए गांवों में विकास का जिम्मा सांसदों को देखना था लेकिन करीबन 9 साल बीत जाने के बाद भी सांसदों की ओर से गोद लिए गए गांवों में कोई विकास नहीं हुआ है.
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