किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने में जुटी पुलिस
एक तरफ किसान यूनियनों के कार्यकर्ता 13 फरवरी को ‘दिल्ली मार्च’ के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए ट्रैक्टर मार्च और बैठकें कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
हरियाणा के अम्बाला जिले की पुलिस ने किसान नेताओं को नोटिस भेजे हैं और उनसे बिना अनुमति के कोई विरोध मार्च न निकालने की बात कही है. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने घोषणा की है कि वे शंभू टोल प्लाजा के पास इकट्ठा होंगे और उसके बाद हरियाणा में प्रवेश करेंगे और अपनी लंबित मांगों और सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. इसके उलट अंबाला पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर आम जनता को बिना अनुमति के किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग न लेने की चेतावनी दी है, अन्यथा आदेशों की अवहेलना करने पर कार्रवाई की जाएगी. प्रदर्शनकारियों को आंदोलन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए चेतावनी भरे नोटिस दिए हैं. इसके अलावा किसान नेताओं को नोटिस जारी कर उन्हें 10 फरवरी तक संबंधित पुलिस स्टेशन में अपनी संपत्तियों और बैंक खातों के बारे में विवरण जमा करने के लिए भी कहा गया है ताकि सार्वजनिक संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति होने पर उनसे नुकसान की भरपाई की जा सके. इस बीच, किसानों को नदी में बैरिकेड फेंकने से रोकने के लिए घग्गर पुल पर व्यू कटर और फ्रेम लगाए जा रहे हैं. आपको याद होगा कि पिछले आंदोलन में किसानों ने बैरिकेड़ों उठाकर घग्घर नदी में फेंक दिया था और दिल्ली पहुंच गए थे.
पर इस बार दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए किसानों को इकट्ठा होने और हरियाणा में घुसने से रोकने के लिए कंटीले तारों, रेत की बोरियों और सीमेंटेड ब्लॉकों के अलावा पुलिस की भारी तैनाती का इंतजाम किया जा रहा है. हालांकि, किसानों ने कहा कि वे दिल्ली जाकर रहेंगे और अगर कोई बल प्रयोग किया गया तो वे शंभू बॉर्डर पर स्थायी रूप से बैठ जाएंगे.
भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने हमें पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस की कॉपी भी भेजी है. उन्होंने हमें बताया, “सरकार किसानों को रोकने के लिए हर कसरत करने के लिए तैयार है, लेकिन उनकी जायज मांगों को स्वीकार कर उनको राहत देने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. पुलिस हमें लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती. सरकार को किसानों को अपनी मांगें उठाने के लिए जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए. हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्रीय कैबिनेट मंत्री या गृह मंत्री को भी इस बैठक के लिए पहल करनी चाहिए. हर बार ऐसे अफसरों को भेज दिया जाता है जिनके हाथ में कुछ नहीं होता.’
अंबाला के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा, “हमने जनता और किसान नेताओं से अपील की है कि वे बिना अनुमति के किसी भी विरोध मार्च में भाग न लें या आयोजित न करें. यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है. कानून व्यवस्था की स्थिति खराब न हो, इसके लिए कार्रवाई की जाएंगी. हमने इस मुद्दे पर किसान नेताओं से भी बातचीत की है. हमने पंजाब पुलिस से भी अनुरोध किया है कि वे अपने क्षेत्र में किसानों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें. बैरिकेड्स लगाए जाएंगे और उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न हो.