बजट 2025: किसानों ने की MSP की कानूनी गांरटी के लिए अलग से बजट आवंटन की मांग!
केंद्रीय बजट से एक दिन पहले, प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी लागू करने के लिए विशेष बजटीय आवंटन की मांग की है. पिछले साल से पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान यूनियनों को 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है. हालांकि, उनका कहना है कि MSP गारंटी को लागू करने के लिए बजटीय प्रावधान के बिना चर्चा का कोई फायदा नहीं होगा.
वरिष्ठ किसान नेता और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “अगर केंद्र सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए गंभीर है, तो उन्हें MSP की कानूनी गारंटी के लिए धन आवंटित करना चाहिए, जैसा कि CRISIL मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स द्वारा पहले ही अनुमान लगाया जा चुका है.”
पिछले साल, CRISIL मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने अनुमान लगाया था कि साल 2023 के लिए सरकार के लिए MSP की कानूनी गारंटी लागू करने की लागत लगभग ₹21,000 करोड़ होगी. पंधेर ने आगे मांग की कि कृषि क्षेत्र को बजटीय आवंटन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लगी आबादी के अनुपात पर आधारित होना चाहिए.
उन्होंने कहा, “देश की लगभग 60-65% आबादी कृषि और ग्रामीण आजीविका पर निर्भर है, फिर भी पिछले साल सरकार ने कृषि बजट को कुल केंद्रीय बजट का सिर्फ़ 3% कर दिया, जो शर्मनाक है.”