सामान्य रहेगा मानसून, औसत से 2% ज्यादा बारिश का अनुमान
"Rain Rain Come Again" by Marvelous Kerala is licensed under CC BY-NC-ND 2.0
आखिरकार मौसम विभाग ने भी मानसून के केरल पहुंचने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले प्राइवेट मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेंट ने 28 मई को मानसून के केरल पहुंचने का दावा किया था।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून एक जून को केरल पहुंच गया है। मानसून के आने की सामान्य तिथि एक जून ही है। आज मौसम विभाग ने मानूसन वर्षा का दीर्घावधि पूर्वानुमान भी अपडेट किया है। इस साल मानसून सीजन यानी जून से सितंबर के दौरान देश में सामान्य बारिश का अनुमान है। पूरे देश में मानसून वर्षा दीर्घावधि औसत का 102 फीसदी होने की संभावना है। इसमें 4 फीसदी कम या ज्यादा की मॉडल त्रुटि हो सकती है।
अगर क्षेत्रवार देखें तो उत्तर पश्चिमी भारत में औसत के मुकाबले 107 फीसदी, मध्य भारत में 103 फीसदी, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसदी और पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसदी बारिश का अनुमान है। मतलब, उत्तर पश्चिमी भारत में जहां औसत से 7 फीसदी ज्यादा बारिश की संभावना है, वहीं पूर्वोत्तर में बारिश औसत से 4 फीसदी कम रह सकती है।
देश में साल 1961 से 2010 के दौरान मानसून वर्षा के सालाना औसत को दीर्घावधि औसत माना जाता है जो 88 सेंटीमीटर है। इसके मुकाबले 96-104 फीसदी बारिश को सामान्य माना जाता है। औसत के मुकाबले 96 फीसदी से कम बारिश को सामान्य से कम और 104 फीसदी से ज्यादा बारिश को सामान्य से अधिक माना जाता है। इस साल औसत के मुकाबले 102 फीसदी बारिश का अनुमान है, इसलिए मानसून को सामान्य माना रहा है।
देश की अर्थव्यवस्था और कृषि बहुत हद तक मानसून पर निर्भर करती है। इसलिए कोराना संकट से जूझ रहे देश के लिए मानसून का सामान्य रहना राहत की बात है।
इस बीच, अरब सागर में चक्रवाती तूफान की चेतावनी दी गई है जो 3 जून की शाम या रात को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के तटों पर पहुंच सकता है। चक्रवात के मद्देनजर कर्नाटक, गोवा, केरल, लक्षद्वीप और महाराष्ट्र में मछुवारों को समुंद्र में न जाने की सलाह दी गई है। चक्रवाती तूफान के कारण 3 जून को मुंबई भी भारी आंधी और बारिश हो सकती है।