प्रशासन ने किसान आंदोलन में सेवाएं देने वाले राम सिंह राणा के ढाबे का रास्ता किया बंद
सिंघु बॉर्डर पर पिछले 7 महीनों से चल रहे किसान आन्दोलन में राम सिंह राणा अपने गोल्डन हट ढाबे के माध्यम से किसानों की मदद कर रहे हैं. प्रशासन ने राम सिंह राणा के कुरूक्षेत्र स्थित गोल्डन हट ढाबे को निशाना बनाते हुए ढाबे का रास्ते बंद कर दिया है. किसान आन्दोलन के चलते सिंघु बॉर्डर के आसपास कईं ढाबे व्यवसायिक रूप से बंद हो गए थे. उन्हीं में से एक राम सिंह राणा का गोल्डन हट ढाबा भी था. किसान आंदोलन की शुरुआत में कुछ दिनों तक राम सिंह राणा का ढाबा भी बंद रहा लेकिन उसके बाद राम सिंह ने अपने ढाबे को किसानों की मदद के लिए खोल दिया.
आट्टे की समस्या को देखते हुए राम सिंह राणा ने अपने ढाबे पर आटा चक्की लगवा दी. राम सिंह राणा गेंहू पिसवाकर, दस-दस किलो की पैकिंग में किसानों तक आट्टा पहुंचाने की निशुल्क सेवा कर रहे हैं. इससे पहले राम सिंह राणा ने आन्दोलन में पीने के पानी की सप्लाई का काम भी अपने जिम्मे लिया था. इसके लिए उन्होंने 11 हजार पानी के कैंपर किसानों में बंटवाए. साथ ही आन्दोलन स्थल पर कईं जगह पानी को फिल्टर करने की मशीनें भी लगवाई.
किसान आंदोलन में दी गई इन सेवाओं के चलते संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी राम सिंह राणा को सम्मानित कर चुके हैं. वहीं दहिया खाप की ओर से आई 40 से अधिक अनाज की ट्रॉलियों को भी राम सिंह राणा के गोल्डन हट ढाबे पर ही चून पिसाई के लिए रखा गया है.
ढाबे का रास्ता बंद किये जाने के मामले पर राम सिंह राणा ने गांव सवेरा को बताया, “मेरे 2 ढाबे चल रहें हैं. एक ढाबा सिंघु बॉर्डर पर है जो पूरी तरह से किसानों की सेवा में चल रहा है. दूसरा ढाबा कुरुक्षेत्र में उमरी चौक के पास है जो व्यवसायिक रूप से चालू है.”
राम सिंह राणा ने आगे बताया, “कल सुबह 10 बजे के आसपास प्रशासन ने क्रेन की मदद से बड़े-बड़े कंक्रीट के बैरियर रखवाकर मेरे कुरुक्षेत्र वाले ढाबे का रास्ता बंद कर दिया है. अब मुख्य सड़क से मेरे ढाबे का संपर्क टूट गया है, जिसके कारण ग्राहक ढाबे तक नहीं पहुँच पा रहे हैं. सड़क से जुड़ा रास्ता बंद होने से ढाबे की कमाई लगभग खत्म हो गई है.”
इस मामले में प्रशासन का पक्ष रखते हुए सदर थाना कुरुक्षेत्र से इंस्पेक्टर राजपाल ने गाँव सवेरा को बताया,“राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, एनएच-1 पर पड़ने वाले सभी गैर-कानूनी कटों को बंद करने का काम कर रही है. इसी के चलते गोल्डन हट ढाबे के आगे जो कट था उसको भी बंद किया गया है.”
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए मीडिया को दिए अपने ब्यान में कहा है, “वो राम सिंह राणा के साथ खड़े हैं, यदि सरकार बातचीत के माध्यम से उनके ढाबे का रास्ता नहीं खोलती है तो किसान स्वयं ये रास्ता खोलने का काम करेंगे. सरकार किसानों की मदद करने वालों को जानबूझकर निशाना बना रही है.” साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इस मसले को संयुक्त किसान मोर्चे की 9 सदस्यीय कमेटी में रखनी की भी बात कही. कमेटी इस मुद्दे पर जो फैसला करेगी उसके हिसाब से किसान आगे की कार्रवाई करेंगें.