7 हजार किसानों को ‘नारायणगढ़ शुगर मिल’ बंद होने का डर, मिल पर किसानों का 70 करोड़ बकाया!

 

अंबाला, पंचकुला और यमुनानगर के गन्ना किसानों को नारायणगढ़ शुगर मिल के बंद होने का खतरा सता रहा है. प्रदेश के गन्ना विभाग ने नारायणगढ़ शुगर मिल को बंद करने का फैसला लिया हैं.नारायणगढ़ शुगर मिल के बंद होने के आस-पास के कराबीन सात हजार किसानों को नुकसान होगा. मिल बंद होने पर गन्ना किसानों को शुगर मिल पर बकाया करीब 70 करोड़ रुपये लटकने का भी खतरा है.  

गन्ना आयुक्त की ओर से तीन शुगर मिलों शाहाबाद सहकारी गन्ना मिल, करनाल के भादसों में दी पिकाडली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सरस्वती शुगर मिल यमुनानगर को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि यदि शुगर मिल नारायणगढ़ 2021-22 का पेराई सत्र शुरू नहीं कर पाती तो तीनों शुगर मिल अतिरिक्त गन्ना लेने के लिए तैयार रहें. यानी नारायणगढ़ क्षेत्र के गन्ना उत्पादकों का गन्ना इन तीन शुगर मिलों में बांटा जाएगा ऐसे में आस-पास के किसानों को गन्ना ले जाने में भारी परेशानी होगी.   

शुगर मिल नारायणगढ़ पर गन्ना किसानों का करीब 70 करोड़ रुपये बकाया है. ऐसे में पेराई सत्र शुरू नहीं होने पर किसानों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. नारायणगढ़ में करीबन 45 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन होता है.  

हालांकि एसडीएम की ओर से दावा किया गया है कि पेराई सत्र शुरू किया जाएगा. लेकिन गन्ना आयुक्त के तीन शुगर मिलों को नोटिस भेजने को लेकर किसान चिंतित हैं. इससे पहले भुगतान के मुद्दे को लेकर किसान हाईवे जाम कर चुके हैं वहीं किसानों ने शुगर मिल को लेकर 21 सितंबर को फिर से प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

वहीं एसडीएम और शुगर मिल के सीईओ का कहना है कि मिल को बंद नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए काम कर रहे हैं. पेराई सत्र समय पर ही चलेगा. अक्टूबर तक मिल को चला लेंगे. पत्र जरूर जारी हुआ है, लेकिन शुगर मिल नारायणगढ़ को बंद नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं दैनिक ट्रिब्यून अखबार को दिए ब्यान में गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद राणा ने कहा, “किसी भी कीमत पर गन्ना मिल को बंद  नहीं होने दिया जाएगा.  इलाके में 30 हजार एकड़ में गन्ना है जो दूसरी मिलों में एडजस्ट नहीं हो सकता. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस फैसले पर नये सिरे से विचार करे. अगर शुगर मिल बंद हुई तो अंबाला और आस पास के सात हजार किसान बर्बाद हो जाएंगे और करीब 70 करोड़ का पुराना भुगतान भी रुक जाएगा.”

साथ ही कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने चीनी मिल बंद नहीं करने का बात कही. कृषि मंत्री ने कहा “चिनी मिल जारी रहेगी घाटे में चल रही चिनी मिल को मुनाफे में लाने के लिए क्षमता बढ़ाई जाएगी.”