82.05% चुनावी चंदा अकेले भाजपा को

 

वित्तीय वर्ष 2020 21 में 7 चुनावी ट्रस्टों को कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत दानों से कुल 258.4915 करोड़ रुपए चंदा मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स द्वारा चुनावी चंदे पर 21 अप्रैल को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, कुल चंदे में से 258.4301 करोड़ रु (99.976%) चुनावी ट्रस्टों ने अलग-अलग पार्टियों को बाँट भी दिया है, जिसमें से 212.05 करोड़ रुपए यानि कुल चंदे का 82.05% अकेले भाजपा को मिला है.

फ्युचर गेमिंग एंड होटल सेर्विसेज ने सबसे ज्यादा 100 करोड़ रु का दान दिया है. इसके बाद हल्दीया एनर्जी इंडिया लिमिटेड ने 25 करोड़ और मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 22 करोड़ रुपए का चंदा दिया है.

वित्त वर्ष 2020-21 में इलेक्टोरल ट्रस्टों में 159 व्यक्तियों ने चंदा दिया है. 2 व्यक्तियों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 3.50 करोड़ रुपये, 153 व्यक्तियों ने स्मॉल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 3.202 करोड़ रूपये, 3 व्यक्तियों ने आइंजिगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट को कुल 5 लाख रुपये और 1 व्यक्ति ने इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 1100 रुपये का चंदा दिया है. शीर्ष 10 दानदाताओं ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को 223.00 करोड़ रुपये का चंदा दिया है, जो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान ट्रस्टों द्वारा प्राप्त कुल चंदे का 86.27% है.

प्रूडेंट चुनाव ट्रस्ट ने भाजपा को 209.00 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में 217.75 करोड़ रुपये का चंदा दिया था.

एक अन्य चुनावी ट्रस्ट जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपनी कुल आय का 2.00 करोड़ रुपये भाजपा को दिया किया था.

प्रूडेंट चुनाव ट्रस्ट ने भाजपा, जदयू, कांग्रेस, राकांपा, राजद, आप और लोजपा जैसे प्रमुख दलों सहित 7 राजनीतिक दलों को दान दिया है. लेकिन, सभी राजनीतिक दलों के मुकाबले अकेले बीजेपी को 212.05 करोड़ रुपये इलेक्टोरल ट्रस्टों से मिला है जोकि कुल चंदे का 82.05 प्रतिशत है.  

जदयू को सभी सात चुनावी ट्रस्टों से सभी पार्टियों को मिले कुल चंदे का 27 करोड़ रुपये यानी कि 10.45 फीसदी मिला है.

INC, NCP, AIADMK, DMK, RJD, AAP, LJP, CPM, CPI और लोक तांत्रिक जनता दल सहित अन्य 10 राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से कुल 19.3801 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार, चुनावी ट्रस्टों को कुल मिले चंदे का कम से कम 95% वितरित करना जरूरी होता है. 2013 से कुल 23 चुनावी ट्रस्ट रजिस्टर्ड हैं जिनमें से सिर्फ 14 ही हर साल अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को देते हैं. इस साल 16 ने अपने चंदे का रिकार्ड जमा किया था, जिनमें से केवल 7 ट्रस्टों ने विभिन्न कॉर्पोरेट घरानों और व्यक्तियों से चंदा प्राप्त करने की घोषणा की है. अकेले प्रुडेंट चुनाव ट्रस्ट ने ही सभी 8 सालों(2013-2014 से 2020-2021) में अपनी रिपोर्ट जमा करवाई है. 8 चुनाव ट्रस्टों का चुनाव आयोग कि वैबसाइट पर अपने रजिस्ट्रेशन से लेकर अब तक का कोई ब्यौरा नहीं है.  

जून, 2014 में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने 2013 के बाद गठित चुनावी ट्रस्टों को मिलने वाले चंदे की रिपोर्ट जमा करने के लिए पत्र संख्या 56/इलेक्टोरल ट्रस्ट/2014/पीपीईएमएस 6 के तहत दिशानिर्देश जारी किए थे, ये दिशानिर्देश जनवरी, 2013 के बाद बने 7 इलेक्टोरल ट्रस्टों को जारी किए गए थे जिनके नाम सत्य/प्रुडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट, पीपुल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट, बजाज इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं.