कृषि कानूनों के विरोध में अभय चौटाला का इस्तीफा, स्पीकर ने मंजूर किया
तीन कृषि कानूनों के विरोध में इनेलो नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला आज अपना इस्तीफा दे दिया हैं। इस्तीफे को लेकर आज 11 बजे प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी। बैठक होने के बाद अभय चौटाला हरियाणा विधानसभा भवन पहुंचे जहां उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दिया, जिसे स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने स्वीकार भी कर लिया है।
इससे पहले अभय चौटाला अपना सशर्त इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को भेज चुके हैं, जिसको लेकर अभय चौटाला ने कहा था कि एसवाइएल को लेकर हुए आंदोलन के दौरान भी चौधरी देवीलाल और डा. मंगलसेन ने इसी तर्ज पर विधानसभा से इस्तीफे स्पीकर को भेजे थे। तब उन्हें स्वीकार कर लिया गया था। फिर मौजूदा स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करने में क्या हर्ज है। उन्होंने कहा था कि इस्तीफा मंजूर नहीं होने की स्थिति में वह 27 जनवरी को ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा जाएंगे और स्पीकर से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे।
अभय चौटाला ने कहा कि वह प्रदेश भर में कृषि कानूनों और भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। कानूनों को बनाने से पहले केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से राय लेना जरूरी नहीं समझा। अभय चौटाला ने कहा कि सरकार पूँजीपतियों को लाभ पहुंचने के लिए जीएसटी में संशोधन कर सकती है, लेकिन किसानों की मांग होने के बावजूद कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जा रहा है। सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है और मैं इसके खिलाफ हूं।
करीब दो साल पहले इनेलो से टूट कर अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला और उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने अपनी अलग पार्टी जननायक जनता पार्टी(जजपा) बना ली थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा के खाते में 10 सीटें आई जबकि इनेलो एक सीट पर सिमट कर रह गई। 2014 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें जीतकर विपक्ष के नेता की भूमिका में रहे अभय चौटाला अब हरियाणा विधानसभा में इनेलो के अकेले विधायक हैं जबकि जजपा भाजपा के साथ गठबंधन में सरकारी की प्रमुख भागीदार है।