खेत-खलिहान
हिसार में कम बारिश के कारण किसानों को फसल खराब होने का है डर!
हिसार में 124.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मानसून सीजन के दौरान होने वाली औसत बारिश से काफी कम है. हालांकि फतेहाबाद जिले के कुछ क्षेत्रों के किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ा है जिससे लगभग 80 हजार एकड़ में धान की फसल को भी नुकसान हुआ, वहीं कम बारिश ने जिले में धान को फिर से प्रभावित किया है.
Sat, Sep 2, 2023सरकार नहीं चाहती कि किसान और मजदूर आंदोलनों की ठोस रिपोर्टिंग हो: मनदीप पुनिया
सारा बखेड़ा तब खड़ा होना शुरू हो जाता है जब आप ग्रामीण संकट से लड़ रहे किसान और मज़दूरों के आंदोलनों की ठोस रिपोर्टिंग करने लगते हैं. सरकार नहीं चाहती कि ऐसी कोई भी खबर बाहर आए जिसमें लोगों के असल मुद्दे और उन मुद्दों के हल के लिए उनके संघर्षों की ग्राउंड जीरो से कवरेज हो.
Wed, Aug 23, 2023किसान आंदोलन: सरकार ने गांव-सवेरा और किसान नेताओं के सोशल मीडिया पेज बैन किये!
गांव सवेरा के पत्रकार मनदीप पुनिया किसानों के चंडीगढ़ कूच को लगातार कवर कर रहे थे. किसान आंदोलन की सारी अपडेट गांव सवेरा के जरिए पूरे देश के किसानों तक पहुंच रही थी वहीं सरकार ऐसा नहीं चाहती है कि किसानों तक उनके संघर्ष की घटनाएं पहुंचे जिसके चलते सरकार की ओर से गांव सवेरा के सोशल मीडिया अकाउंट को भारत में बैन किया गया है. वहीं इसके साथ ही किसान संगठनों और किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट भी भारत में बैन कर दिये गए हैं.
Tue, Aug 22, 2023चंडीगढ़ कूच से पहले हरियाणा पंजाब में सैकड़ों किसानों की गिरफ्तारी!
गिरफ्तार किये गए किसानों में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सर्वण सिंह पंधेर, बीकेयू क्रांतिकारी के बलदेव सिंह जीरा, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कंवरदीप सिंह और चमकौर सिंह जैसे किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया.
Mon, Aug 21, 2023कृषि कानून: नरेन्द्र मोदी के चेहरे और एक व्यापारी के दिमाग की अजीब दास्तान!
शरद मराठे का कृषि से जुड़ा कोई अनुभव नहीं रहा है, बावजूद इसके उस व्यापारी को कृषि कानूनों से जुड़ी नीति आयोग की टास्क फोर्स में शामिल किया गया. तीन कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए किसानों को नहीं बल्कि अडानी समूह, महिंद्रा समूह, ITC और पतंजलि जैसे कारोबारी घरानों को आमंत्रित किया गया.
Thu, Aug 17, 2023रेत की चादर से ढकी धान की खेती, किसानों ने खोई नई फसल की उम्मीद!
मेरी धान की फसल रेत से ढक गई है. जिससे वह बेकार हो गई है. मुझे दोबारा इसकी रोपाई करनी है, लेकिन इस हाल में धान की दोबारा रोपाई करना संभव नहीं है. मुझे अपने खेत साफ करने की इजाजत दी जानी चाहिए” उन्होंने आगे कहा, "मैं पहले ही प्रति एकड़ ठेके के रूप में 40,000 रुपये, रोपाई के लिए 3,500 रुपये, बीज के लिए 5,000 रुपये प्रति एकड़ खर्च कर चुका हूं, लेकिन रेत के रूप में एक नई चुनौती के अलावा कुछ नहीं मिला."
Mon, Jul 17, 2023Top Videos

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