खेत-खलिहान
कृषि कानून: नरेन्द्र मोदी के चेहरे और एक व्यापारी के दिमाग की अजीब दास्तान!
शरद मराठे का कृषि से जुड़ा कोई अनुभव नहीं रहा है, बावजूद इसके उस व्यापारी को कृषि कानूनों से जुड़ी नीति आयोग की टास्क फोर्स में शामिल किया गया. तीन कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए किसानों को नहीं बल्कि अडानी समूह, महिंद्रा समूह, ITC और पतंजलि जैसे कारोबारी घरानों को आमंत्रित किया गया.
Thu, Aug 17, 2023रेत की चादर से ढकी धान की खेती, किसानों ने खोई नई फसल की उम्मीद!
मेरी धान की फसल रेत से ढक गई है. जिससे वह बेकार हो गई है. मुझे दोबारा इसकी रोपाई करनी है, लेकिन इस हाल में धान की दोबारा रोपाई करना संभव नहीं है. मुझे अपने खेत साफ करने की इजाजत दी जानी चाहिए” उन्होंने आगे कहा, "मैं पहले ही प्रति एकड़ ठेके के रूप में 40,000 रुपये, रोपाई के लिए 3,500 रुपये, बीज के लिए 5,000 रुपये प्रति एकड़ खर्च कर चुका हूं, लेकिन रेत के रूप में एक नई चुनौती के अलावा कुछ नहीं मिला."
Mon, Jul 17, 2023FCI को नहीं मिल रहे चावल के खरीदार, 7.51 लाख टन पेशकश के मुकाबले हुई सिर्फ 460 टन की खरीद!
एफसीआई द्वारा की गई चावल की दो नीलामी में सिर्फ 460 टन चावल की बिक्री हुई है, जबकि कुल पेशकश 7.51 लाख टन की हुई थी. खुदरा कीमतों में वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल की बिक्री खुले बाजार में खुदरा विक्रेताओं, प्रोसेसर्स और व्यापारियों को करने का फैसला किया है.
Mon, Jul 17, 2023बाढ़ प्रभावित किसानों की दिल खोलकर मदद में करने में जुटे किसान!
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में किसान ने अपनी तीन एकड़ धान की खेती पर ट्रैक्टर चलाकर बाढ़ग्रस्त किसानों के लिए धान की पौध तैयार करने का कदम उठाया है.
Mon, Jul 17, 2023ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत रियायत देने पर भी कम नहीं हुआ गेहूं का दाम, अब क्या करेगी सरकार ?
पिछले साल भर में केंद्र सरकार अपने सरकारी पूल से दूसरी बार ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत रियायती दर पर गेहूं बेच रही है. लेकिन इससे भी गेहूं का दाम कम नहीं हो रहा है, ताज्जुब की बात ये है कि सरकार खुद इस साल रिकॉर्ड उत्पादन का दावा कर रही है. लेकिन फिर भी गेहूं के बढ़ते दामों पर रोक लगाने में असफ़ल रही है
Sat, Jul 15, 2023पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान!
पंजाब में मक्का, मूंग, धान और कपास की फसल को अधिक नुकसान हुआ है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यमुना के दोनों ओर के जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है. इन तीनों राज्यों में सब्जियों की फसलें भी बाढ़ वाले इलाकों में खराब हो गई हैं.
Sat, Jul 15, 2023