खेत-खलिहान

शहरों में सस्ते मजदूर बनाने वाले त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र से इतर खेतीबाड़ी के पुनर्निर्माण और भविष्य के विकास का रास्ता

शहरों में सस्ते श्रम के लिए लोगों को कृषि से बाहर धकेलना त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र है। अगले 25 वर्षों में, कृषि के पुनर्निर्माण का समय आ गया है, इसे आर्थिक विकास के पावरहाउस में बदलने की जरूरत है।

Sat, Aug 13, 2022

पंजाब में किसानों की 100 करोड़ की मशीनें डकार गए अधिकारी

पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए केंद्र ने अवशेष प्रबंधन योजना के तहत चार वर्षों (2018-19 से 2021-22) में 1,178 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की थी.

Fri, Aug 12, 2022

हिमाचल के सेब किसानों ने किया शिमला का घेराव

सेब उत्पादकों का बीते 30 सालों में यह पहला बड़ा सरकार विरोधी आंदोलन है. सेब उत्पादकों ने पिछली बार 1990 में शांता कुमार के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया था.

Fri, Aug 5, 2022


चालू खरीफ में चावल का क्षेत्रफल पिछले साल से 35.46 लाख हैक्टेयर कम, कुल खरीफ रकबा 18.26 लाख हैक्टेयर कम

चावल के रकबे में 10.62 लाख हैक्टेयर की गिरावट के साथ पश्चिम बंगाल सबसे ऊपर है। जबकि उत्तर प्रदेश में चावल का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6.68 लाख हैक्टेयर कम बना हआ है।

Sun, Jul 31, 2022

आंधी-बारिश में यूपी के केला किसानों को भारी नुकसान, मुआवजा न मिलने से बढ़ी परेशानी!

बाराबंकी के किसान अमरेंद्र सिंह बताते हैं, “साल 2019 में हमारे यहां आए आंधी-तूफान से किसानों का बहुत नुकसान हुआ था, जिसके बाद हम लोगों ने दौड़भाग करके अपने ब्लॉक को बीमा एरिया में शामिल कराया था, इसके बाद हमने 2020 में बीमा कराया तब कोई नुकसान नहीं हुआ तो 2021 में कराया नहीं, क्योंकि प्रति एकड़ करीब 7 हजार रुपए का प्रीमियम देना होता है.

Mon, Jul 25, 2022