खेत-खलिहान
डब्ल्यूटीओ का खाद्यान्नों की सरकारी खरीद को उत्पादन के 15 फीसदी तक सीमित करने का प्रस्ताव
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक इस साल 2021-22 में सरकार ने 433.44 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की है। वहीं कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में देश में गेहूं का उत्पादन 10.95 करोड़ टन रहा। ऐसे में अगर कुल उत्पादन के 15 फीसदी की डब्ल्यूटीओ के प्रस्ताव की शर्त लागू होती है सरकार केवल 165 लाख टन गेहूं की ही सरकारी खरीद कर पाती।
Mon, Nov 15, 2021क्या हमारे देश के किसान अपनी उपज एपीएमसी मंडियों में ही बेचते हैं?
साक्षात्कार में आए करीब 62 फीसदी किसानों को एमएसपी के बारे में जानकारी नहीं थी, जबकि सिर्फ 38 फीसदी ने एमएसपी के बारे में सुना था. जिन लोगों ने एमएसपी के बारे में सुना था, उनमें से अधिकांश (64 प्रतिशत) ने कहा कि वे सरकार द्वारा तय की गई फसलों की दरों से संतुष्ट नहीं हैं और केवल 27 प्रतिशत सरकार द्वारा तय की गई फसलों की दरों से संतुष्ट हैं.
Mon, Nov 8, 2021किसानों और खेतिहर मजदूरों की खुदकुशी: पंजाब की जमीनी हकीकत बनाम सरकारी आँकड़े
भारत में कृषि क्षेत्र 1972-73 में 74 प्रतिशत कामगारों को रोजगार देता था जो 1993-94 में 64 प्रतिशत हो गया और आज कुल कामगारों का केवल 54 प्रतिशत हिस्सा कृषि में रोजगाररत है।
Sat, Nov 6, 2021डीएपी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान!
“हम दो दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं और जब तक डीएपी की किल्लत दूर नहीं होगी तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी."
Tue, Nov 2, 2021हरियाणा में डीएपी खाद की भारी किल्लत, खरीद केंद्रों के बाहर लगी किसानों की लंबी कतार!
नारनौल के नसीबपुर में डीएपी खाद खरीद केंद्र के बाहर सुबह 4 बजे से ही किसानों की लंबी लाइन लग गई.
Sat, Oct 16, 2021कंपनियों ने कॉम्प्लेक्स उर्वरकों के दाम बढ़ाये, एनपीके का बैग डीएपी से 500 रुपये महंगा हुआ
कंपनियों के एक अन्य एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक 10:26:26 की कीमत कोरोमंडल फर्टिलाइजर के लिए 1475 रुपये प्रति बैग हो गई है जबकि इफको के लिए इस उर्वरक की कीमत 1175 रुपये प्रति बैग है।
Wed, Oct 13, 2021Top Videos

टमाटर बिक रहा कौड़ियों के दाम, किसानों को 2-5 रुपये का रेट!

किसानों ने 27 राज्यों में निकाला ट्रैक्टर मार्च, अपनी लंबित माँगों के लिए ग़ुस्से में दिखे किसान

उत्तर प्रदेश के नोएडा के किसानों को शहरीकरण और विकास क्यों चुभ रहा है

Gig Economy के चंगुल में फंसे Gig Workers के हालात क्या बयां करते हैं?
