‘अग्निपथ’- युवाओं के विरोध के खौफ से बौखलाई है हरियाणा पुलिस, प्रदर्शन से पहले ही हो रही गिरफ्तारी
सेनाओं में युवाओं की अनुबंध आधारित यानि कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में देश के युवा सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करने के लिए मजबूर हो गए हैं. एक तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना को मील का पत्थर बता रहे हैं तो वहीं देश के युवा और विभिन्न संगठन इस योजना की आलोचना ही नहीं बल्कि इसके विरोध में सड़कों पर आन्दोलन भी कर रहे हैं.
योजना के खिलाफ़ 20 जून 2022 को भारत बंद सफल बनाने के लिए देश में युवा और सामाजिक संगठनों ने शांतिपूर्ण आन्दोलन किया. इसका एक उदाहरण हरियाणा में टोल मुफ्त कराने का आन्दोलन 20 जून को ही हुआ जो कि शांतिपूर्ण तरीके से किया गया और योजना के खिलाफ अपनी नाराज़गी ज़ाहिर किया गया.
लेकिन हरियाणा सोनीपत में पुलिस प्रशासन और सीआईए की बर्बरता तो तब देखने को मिली जब भारत बंद के एक दिन पहले ही, 19 जून 2022 को छात्र एकता मंच संगठन के 3 कार्यकर्ताओं जिनका नाम साहिल, अंकित और गोविंदा है, को गिरफ्तार कर लिया गया. इसका अर्थ यह हुआ कि अब सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ़ प्रदर्शन से पहले ही प्रशासन ने युवाओं की गिरफ्तारियां शुरू कर दी है.
19 जून 2022 को हरियाणा पुलिस और सीआईए ने छात्र एकता मंच के तीन कार्यकर्ताओं को ही नहीं बल्कि संगठन से अलावा 28 अन्य युवाओं को भी प्रदर्शन से पहले गिरफ्तार कर लिया.
प्रदर्शन से पहले पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अंकित, हरियाणा सोनीपत जिले से छात्र एकता मंच के अध्यक्ष हैं. अंकित और साहिल दोनों सोनीपत के हिन्दू कॉलेज से बीए फाइनल इयर के छात्र हैं. गोविंदा पानीपत के एसडी कॉलेज से बीकॉम फर्स्ट इयर का छात्र है.
छात्र एकता मंच के दीपक ने ‘गांव सवेरा’ को बताया कि अंकित और गोविंदा को सीआईए ने सोनीपत के कलाना गांव के पास से सड़क पर चलते हुए ही गिरफ्तार कर लिया. वहीं साहिल को सोनीपत के ज्ञान नगर से गिरफ्तार किया गया.
मजदूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष शिव कुमार ने गांव सवेरा को बताया, “साहिल को ज्ञान नगर में शाम को 5 बजे उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नाइ की दुकान में बाल कटवाने के लिए गया हुआ था. अंकित और गोविंदा दोनों शाम को 6 बजे अपने दोस्तों से मिलने के लिए जा रहे थे तभी वर्दीधारी पुलिस ने उन्हें सड़क पर चलते हुए गिरफ्तार कर लिया.”
पुलिस प्रशासन ने तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 107/151 लगाईं है. सीधे शब्दों में कहें तो पुलिस इस धारा का इस्तेमाल तब किया जाता है जब उन्हें भविष्य में किसी व्यक्ति के अपराध करने की संभावना लगती है.
अंकित, साहिल और गोविंदा की रिहाई के लिए 21 जून 2022 को भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान सभा, ज्ञान विज्ञान समिति, छात्र अभिभावक संघ, छात्र एकता मंच, सर्व कर्मचारी यूनियन व मजदूर अधिकार संगठन ने मिल कर सोनीपत डीसी ऑफिस में ज्ञापन सौंपा.
इस पूरे मामले में ‘गांव सवेरा’ ने अंकित के पिता रामवीर सिंह से बात की. रामवीर सिंह सोनीपत में मजदूरी करते हैं और अपने बेटे की हुई गिरफ्तारी को लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा, “जब से हमें अंकित की गिरफ्तारी का पता चला है तब से गले से एक निवाला तक नीचे नहीं उतरा है. अंकित की मां को थायराइड की समस्या है और वह इस खबर को सुन कर बहुत परेशान है. हम मजदूर हैं और हर दिन काम कर के अपना गुज़ारा चलाते हैं. उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही अंकित को छोड़ देगी.”
भारतीय किसान पंचायत के सचिन मलिक ने बताया कि प्रशासन ने सभी को 23 जून को रिहा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन उन्हें प्रशासन के इस आश्वासन पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है. सचिन कहते हैं, “हालांकि पुलिस ने सभी को 23 जून को रिहा करने का आश्वासन दिया है लेकिन हमें उनकी बात पर भरोसा नहीं है. जिस तरह से पुलिस ने बिना प्रदर्शन किए हमारे साथियों को गिरफ्तार किया है वह हो सकता है 23 तारीख को उन्हें रिहा करने से इनकार कर दे. हमने इसी के चलते आज सोनीपत डीसी ऑफिस में अपना ज्ञापन सौंपा है कि यदि यदि छात्र एकता मंच के तीनों कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा गया तो छात्र एकता मंच समेत सभी सामाजिक संगठन इसके खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन करेंगे.”