कृषि मंत्रालय से बालियान की छुट्टी, अब 4 मंत्री करेंगे किसान कल्याण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को ताश के पत्तों की तरह फेट दिया है। 19 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है जबकि स्मृति ईरानी जैसे कई दिग्गजों के विभाग बदले गए। लेकिन जैसी उम्मीद जताई जा रही थी कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान को न तो कैबिनेट मंत्री बनाया गया है और न ही स्वतंत्र प्रभार मिला है। अलबत्ता, उन्हें कृषि मंत्रालय से हटाकर जल संसाधन जैसे लो-प्रोफाइल मंत्रालय में जरूर भेज दिया गया है। इसका सीधा मलतब यह निकाला जा रहा है कि पीएम मोदी कृषि मंत्रालय में संजीव बालियान के कामकाज से खुश नहीं थे। बालियान के अलावा एक अन्य राज्य मंत्री गुजरात के मोहनभाई कल्याणजी भाई कुंंदारिया की भी कृषि मंत्रालय से छुट्टी हो गई है। कुंदारिया भी दिल्ली या गुजरात में कुछ खास नहीं कर पाए थे। बालियान और कुंदारिया की जगह कृषि मंत्रालय में 3 नए राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इस तरह किसान कल्याण का जिम्मा एक-दो नहीं बल्कि चार-चार मंत्रियों पर रहेगा।
मंत्रिमंडल में हुए व्यापक फेरबदल के बावजूद कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह इस बार भी बच गए हैं। न उनका मंत्रालय बदला और रुतबा कम हुआ है।
ग्रामीण विकास से बीरेंद्र सिहं की विदाई, घटा जाट नेताओं का कद
हरियाणा के जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह की ग्रामीण विकास मंत्रालय से विदाई हो गई है। भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर सरकार की नाकामी के बाद से ही उन पर तलवार लटक रही थी। मोदी सरकार में ग्रामीण विकास जैसे अहम मंत्रालय के बजाय बीरेंद्र सिंह को इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इस तरह देखा जाए तो मोदी मंत्रिमंडल में दोनों जाट नेताओं का रुतबा घटा है। किसान और ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले बीरेंद्र सिंंह और संजीव बालियान को ग्रामीण विकास और कृषि जैसे मंत्रालय वापस ले लिए हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में बीरेंद्र सिंह और संजीव बालियान के रुतबे में आई कमी को हरियाणा और पश्चिमी यूपी की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा सकता है। हरियाणा में जाट आंदोलन से निपटने में बीरेंद्र सिंह की भूमिका से पार्टी को कोई खास मदद नहीं मिली पाई थी। राज्य के राजनैतिक समीकरण भी उनके खिलाफ गए।
पश्चिमी यूपी की राजनीति में संजीव बालियान की सक्रियता और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल में उनका कद बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। बालियान की कृषि मंत्रालय से विदाई और स्वतंत्र प्रभार भी न नहीं मिलना काफी अप्रत्याशित रहा है। संवारलाल जाट के इस्तीफे के बाद जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए राजस्थान के जाट नेता सीआर चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
बच गए राधा मोहन, अब कृषि मंत्रालय में 4 मंत्री
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे हैं। उन्हें कृषि मंत्रालय से हटाए जाने की काफी अटकलें लगाई जा रही थींं। लेकिन अपनी किसान विरोधी छवि से चिंतित मोदी सरकार ने कृषि मंत्रालय में 3 नए राज्य मंत्री बनाए हैं। ये नए कृषि राज्य मंत्री हैं – एसएस अहलूवालिया, पुरुषोत्तम रूपाला और सुदर्शन भगत।
सुरेंद्रजीत सिंह (एसएस) अहूलवालिया पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग सीट से भाजपा सांसद हैं। वह पीवी नरसिम्हाराव की कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।कांग्रेस से मोहभंग हाने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। फिलहाल वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
पुरुषोत्तम रूपाला गुजरात के कडवा पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पीएम मोदी के करीब माने जाते हैं। संगठन में रहते हुए रूपाला ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन से सीधी टक्कर ली थी। वह गुजरात में कृषि मंत्री रह चुके हैं और उन्हें हाल ही में राज्य सभा में लाया गया था।
सुदर्शन भगत झारखंड से नक्सल प्रभावित लोहरदगा से सांसद हैं। वे साफ छवि और विवादों से दूर रहने वाले नेता माने जाते हैं। इससे पहले वह ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।
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