पंजाब: झुलसा बिमारी ने बढ़ाई टमाटर और आलू किसानों की चिंता!

 

पटियाला जिले के सनौर के कई किसानों ने दावा किया है कि खराब मौसम और कोहरे से हुई झुलसा बिमारी के कारण उनकी टमाटर और आलू की फसल खराब हो गई है. बागवानी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने नुकसान का आकलन करने के लिए गांवों का दौरा किया है और एक रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी. सनौर में, टमाटर लगभग 600 एकड़ में उगाया जाता है और झुलसा रोग हो जाने के कारण खराब हुई फसल का मतलब कम उत्पादन है, जिसके परिणामस्वरूप कीमतें बढ़ सकती हैं.

किसानों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि खराब मौसम ने उनकी फसल को नुकसान पहुंचाया है.
एक कृषि अधिकारी ने बताया, ”झुलसा बिमारी मुख्य रूप से टमाटर और आलू को प्रभावित करती है. एक बार जब यह लग जाती है, तो बीजाणु तेजी से फैलते हैं और सर्दी में पड़ने वाले पाले के कारण कवक विकसित हो जाते हैं. उन्होंने किसानों को अपनी फसल को व्यापक नुकसान से बचाने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है.
फिलहाल देर से बोई गई टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. खुड्डा गांव के साहिब सिंह ने कहा, ”हमारे गांव में 60 एकड़ में बोई गई टमाटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. हमने फफूंदनाशक का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.”

फ़तेहपुर गांव के मनविंदर सिंह ने कहा कि उनकी छह एकड़ की फसल झुलसा रोग से बर्बाद हो गई है. उन्होंने कहा, “अधिकारियों को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को नुकसान न हो.”
पटियाला बागवानी विकास अधिकारी नवनीत कौर ने कहा कि उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञों की एक टीम के साथ प्रभावित गांवों का दौरा किया था और एक रिपोर्ट तैयार की गई थी. पीएयू विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों पर लेट ब्लाइट यानी पछेती झुलसे के हानिकारक प्रभाव को रोकने के लिए सिफारिशों का पालन करने की सलाह दी है.

नवनीत कौर ने आगे बताया, “पटियाला में टमाटर की फसल लगभग 70 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई है. कुछ इलाकों में, जहां नुकसान 50 प्रतिशत से कम है, पीएयू विशेषज्ञों ने रासायनिक स्प्रे का सुझाव दिया है. मैं आवश्यक कार्रवाई के लिए सोमवार को विभाग को एक रिपोर्ट सौंपूंगी.” पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने रबी सीजन के लिए किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पांच उड़न दस्ते स्थापित किए हैं. ये टीमें खुदरा और थोक दुकानों के साथ-साथ विनिर्माण और विपणन इकाइयों का दौरा करेंगी और किसानों को बेचे जाने वाले सामान की गुणवत्ता और दरों की नियमित जांच करेंगी. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने पत्रकारों को बताया कि उड़न दस्ते की एक टीम को चार से पांच जिले आवंटित किये गये हैं. खुडियां ने किसानों से विक्रेताओं से प्रत्येक खरीद के लिए ‘बिल’ मांगने का आग्रह किया.