हरियाणा में पत्रकार ने दंगों की साजिश से आगाह किया तो उल्टा उसी पर केस दर्ज
हरियाणा के हिसार जिले में मीडिया पोर्टल ‘द इंक’ के पत्रकार राजेश कुंडू पर धारा 66f, 153-A और 153-B के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा हिसार पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी विकास लोहचब ने दर्ज करवाया है।
कुंडू शुरु से ही किसान आंदोलन कवर कर रहे हैं और उन्होंने कुछ समय पहले ही आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए तैयार की गई जातीय दंगों की कथित साजिश का भंडाफोड़ करने के लिए एक रिपोर्ट की थी और लोगों को आगाह करते हुए एक फेसबुक पोस्ट भी लिखी थी। लेकिन हरियाणा पुलिस ने उल्टे उनके ऊपर ही मुकदमा दर्ज किया गया है।
पत्रकार राजेश कुंडू ने बताया, “मैंने हाल ही में एक रिपोर्ट की थी, जिसमें मैंने बताया था कि कैसे सत्तापक्ष किसान आंदोलन के दौरान गुरू जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी में मूर्ति स्थापना करवाने के पीछे जातीय दंगे करवाना चाहता है। ताकि किसान आंदोलन को तोड़ा जा सके और उससे ध्यान हटाया जा सके। उसी से संबंधित मैंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर लोगों को यह जानकारी दी थी। अब आप बताइए कि जातीय दंगों को लेकर आगाह करते हुए रिपोर्ट करना और फेसबुक पोस्ट लिखना गुनाह कैसे हो गया।”
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर राजेश कुंडू के समर्थन में लिखना शुरू कर दिया है और पत्रकारों की संस्थाएं थी उनके समर्थन में आई हैं। “हरियाणा यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट” ने बयान जारी करते हुए कहा है, “राजेश कुंडू पर पुलिस द्वारा किया गया झूठा आपराधिक मामला दर्ज करने की हरियाणा के सारे पत्रकार कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए, नहीं तो पूरे प्रदेश में पत्रकार आंदोलन करेंगे।”
यूनियन के प्रधान अजय मल्होत्रा ने इस बारे में यूनियन की बैठक भी बुलाई है। यूनियन के प्रदेश वरिष्ठ उपप्रधान अनिल शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर रोहतक के पत्रकार संकेतिक धरना देंगे और जब तक मामला वापस नहीं हो जाता, आंदोलन जारी रहेगा। हरियाणा के जिला प्रेस क्लबों ने भी राजेश कुंडू पर दर्ज मुकदमे को लेकर निष्पक्ष जांच कर मामला वापस लेने की मांग की है। रोहतक जिला प्रेस क्लब ने कहा है कि अगर इस मामले में जरुरत पड़ी तो पत्रकार मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करने जाएंगे।
राजेश कुंडु पर लगाई गई धाराओं पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील रविन्द्र सिंह ढुल्ल ने बताया, “उन पर आईपीसी की धारा 66F, 153 A, 153 B के तहत केस दर्ज किया है। उनके मामले में सबसे खतरनाक धारा जो लगाई है वो है 66F यानी साइबर टेररिज्म। हरियाणा पुलिस के अनुसार राजेश आतंकवादी है और इस पोस्ट के लिए राजेश को उम्र कैद मिलनी चाहिए। हम भी इस धारा को देखकर हैरान हैं।”
कुंडू के समर्थन में किसान यूनियनों ने भी बयान जारी किये हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बयान जारी कर कहा है, “किसानों की आवाज को बुलंद करने वाले जाबांज पत्रकार राजेश कुण्डू पर मुकदमा दर्ज करना बीजेपी सरकार की घिनौनी हरकत है। सरकार न्याय के लिए उठती हर आवाज को दबाना चाहती है। भारतीय किसान यूनियन राजेश कुण्डू के साथ खड़ी है और तानाशाही हरकतों पर रोष प्रकट करती है। जातीय दंगों की स्क्रिप्ट का भंडाफोड़ कर राजेश कुंडू ने समाज का भला किया है। सारे किसान और समाज उनके साथ खड़ा है।”
इस मामले में शिकायतकर्ता हिसार पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी विकास लोहचब हैं। उन्होंने बताया, “हमने उनपर शिकायत उनकी फेसबुक पोस्ट की वजह से की है। उनके फेसबुक पेज पर जाकर देखिए उन्होंने क्या लिखा है।” इतना बताकर लोहचब ने फोन काट दिया।