बिजनौर में चक्का जाम करने वाले 575 किसानों पर केस दर्ज
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम की अपील पर अमल करना बिजनौर जिले के किसानों को भारी पड़ सकता है। हालांकि, इस तरह के विरोध-प्रदर्शन 5 नवंबर को देश भर में हुए थे। सरदार वीएम सिंह के राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कई पदाधिकारियों समेत चक्का जाम में शामिल बिजनौर के लगभग 575 किसानों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किये हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, बिजनौर जिले में चक्का जाम करने वाले सैकड़ों किसानों के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल सात मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इनमें 87 लोगों को नामजद किया है, जबकि सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। ये केस थाना कोतवाली शहर, हल्दौर, मंडावर, नजीबाबाद, नहटौर, चांदपुर, अफजलगढ़ थाने में दर्ज हुए हैं।
गुरुवार को केंद्र के कृषि कानूनों और गन्ना मूल्य व भुगतान समेत विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने बिजनौर जिले में आठ जगहों पर चक्का जाम किया था। मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जाम लगाकर शांति भंग करने, धारा 144 के उल्लंघन और महामारी में नियमों का पालन न करने पर ये केस दर्ज हुए हैं।
चक्का जाम करने पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिन पदाधिकारियों पर केस दर्ज हुए हैं, उनमें बिजनौर के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार, जिला महासचिव वेद प्रकाश चौधरी, प्रदेश महासचिव कैलाश लांबा, ब्लॉक अध्यक्ष संजीव कुमार, हरिराज, रामपाल सिंह, सुरेश पाल, ब्रजपाल सिंह आदि शामिल हैं। संगठन से जुड़े कार्यकर्ता पुलिस की इस कार्रवाई का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन से जुड़े अदित चौधरी ने असलीभारत.कॉम को बताया कि योगी सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। गुरुवार को बिजनौर में हिंदूवादी संगठनों ने भी महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। हैरानी की बात है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर केस दर्ज कराये गये हैं। जिला प्रशासन मनमाने तरीके से धारा-144 का इस्तेामल कर किसानों का दमन करना चाहता है।