‘किसान महापंचायत’ को अंग्रेजी अखबारों ने दी प्रमुखता, ‘दैनिक जागरण’ ने केवल दो कॉलम में समेटी खबर!

 

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई ‘किसान महापंचायत’ में लाखों की संख्या में किसान जुटे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक-दो न्यूज चैनल को छोड़कर अन्य चैनलों ने किसान महापंचायत की कवरेज नहीं की. वहीं किसान महापंचायत को लेकर आज के हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों की कवरेज इस तरह की रही.  

हिंदी के समाचार पत्र ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने किसान महापंचायत की खबर को तवज्जो देते हुए पहले पेज पर जगह दी है. लेकिन अखबार ने इस खबर को मुख्य खबर और हेडलाइन के तौर पर नहीं लिया है.

हिंदी में सबसे ज्यादा बिकने का दावा करने वाले ‘दैनिक जागरण’ अखबार के राष्ट्रीय संस्करण में किसान महापंचायत की खबर को खास जगह नहीं दी गई है. दैनिक जागरण ने किसान महापंचायत की खबर को 5वें पेज पर दो कॉलम की जगह दी. इसके उलट अखबार के पहले दो पन्नों पर मुख्यमंत्री योगी का विज्ञापन छापा गया है. दैनिक जागरण के हरियाणा संस्करण में केवल दो कॉलम की खबर छपी है.

हिंदी समाचार पत्र ‘दैनिक भास्कर’ ने किसान महापंचायत को मुख्य खबर लेते हुए पहले पेज पर चार कॉलम में खबर प्रकाशित की है.

साथ ही समाचार पत्र ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने भी किसान महापंचायत की खबर को तवज्जो देते हुए पहले पेज पर जगह दी है. लेकिन ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने इस खबर को प्रमुख हेडलाइन और प्रमुख खबर के तौर पर नहीं लिया है.

हिंदी समाचार पत्र ‘अमर उजाला’ ने भी किसान महापंचायत की खबर को पहले पेज पर स्थान देते हुए लिखा, ‘किसान महापंचायत यूपी, उत्तराखंड में भाजपा को वोट की चोट देने की तैयारी’

वहीं अंग्रेजी के अधिकतर समाचार पत्रों ने खबर को पहले पेज पर स्थान दिया है. अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत को कवर करते हुए पहले पेज पर प्रमुखता से छापा है.

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की कवरेज न करने वाले अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने किसान महापंचायत की खबर को पहले पेज पर चार कॉलम की जगह दी है.

साथ ही अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टेलिग्राफ’ ने भी किसान महापंचायत को तवज्जो देते हुए पहले पेज पर प्रमुखता से छापा है.

हिंदी के दैनिक समाचार पत्र ‘जनसत्ता’ ने मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत को मुख्य खबर के तौर पर लिया है. अखबार ने इस खबर को पहले पन्ने पर जगह देते हुए ‘कृषि कानूनों की वापसी तक घर वापस नहीं जाएंगे, वोट से करेंगे चोट’ नामक हेडलाइन दी है.

दैनिक भास्कर ने किसान महापंचायत को मुख्य खबर लेते हुए पहले पेज पर चार कॉलम की जगह दी है.

वहीं हिंदी के समाचार पत्र दैनिक ट्रिब्यून ने भी किसान महापंचायत की खबर को तवज्जो देते हुए पहले पेज पर जगह दी है. लेकिन मुख्य हेडलाइन और मुख्य खबर के तौर पर नहीं लिया है.

वहीं एक और हिंदी के समाचार पत्र अमर उजाला ने भी किसान महापंचायत की खबर को पहले पेज पर स्थान देते हुए लिखा, ‘किसान महापंचायत यूपी, उत्तराखंड में भाजपा को वोट की चोट देने की तैयारी’

पंजाब केसरी ने किसान महापंचायत की खबर को तीसरे पेज पर जगह दी है. पंजाब केसरी ने खबर का शिर्षक दिया ‘भाजपा ने किसान महापंचायत को चुनावी रैली करार दिया’

पंजाब केसरी में तीसरे पेज पर छपी खबर

हिंदी का सबसे बड़ा समाचार पत्र होने का दावा करने वाले दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण में 5वें पेज पर दो कॉलम की भी खबर छपी है. इसके उलट अखबार के पहले दो पन्नों पर मुख्यमंत्री योगी का विज्ञापन छापा गया है. 

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की कवरेज न करने वाले अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने किसान महापंचायत की खबर को पहले पेज पर चार कॉलम की खबर के तौर पर छापा है.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर को पहले पेज पर तीन कॉलम की जगह दी है.

वहीं अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने किसान महापंचायत की खबर को कवर करते हुए पहले पेज पर प्रमुखता से छापा है.

साथ ही पश्चिम बंगाल से छपने वाले अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द टेलिग्राफ’ ने भी खबर को तवज्जो देते हुए पहले पेज प्रमुखता से खापा है.