लखीमपुर हिंसा के अहम गवाह पर जानलेवा हमला

 

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष और लखीमपुर हिंसा के गवाह दिलबाग सिंह संधू पर दो अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. दिलबाग सिंह पर हमला मंगलवार 31 मई की रात को गोला कोतवाली क्षेत्र के बदेहड़ गांव के पास हुई. लेकिन दिलबाग सिंह हमलावरों के हमले से बाल बाल बच गए.

बता दें दिलबाग सिंह संधू पिछले साल हुई 3 अक्टूबर की लखीमपुर हिंसा के मुख्य गवाह हैं जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा टेनी मुख्य आरोपी है.

एक वायरल वीडियो में दिलबाग सिंह ने बताया कि उन पर यह हमला रात को 9.30 बजे तब हुआ जब वह अपने दो दोस्तों, जीतेन्द्र और विपिन को उनके घर, गांव बदेहड़ में छोड़ कर अपने घर लौट रहे थे. तभी उनकी गाड़ी के पीछे दो लोग बाइक पर आए. उन्होंने दिलबाग सिंह की कार पर गोलियां चलाईं जिससे उनकी गाड़ी का एक टायर फट गया. दिलबाग सिंह ने अपनी कार रोकी और हमलावर उनके पास आए और उनकी गाड़ी का दरवाज़ा खोलने का प्रयास करने लगे. जब वे दरवाजा नहीं खोल सके तो उन्होंने फिर दो गोलियां चलाईं, जिसके बाद वह भाग गए.

उन्होंने बताया कि हमलावरों की मंशा भांपते हुए उन्होंने ड्राइविंग सीट को मोड़ दिया और नीचे की ओर झुक गए. क्योंकि विंडो पर काली फिल्म चढ़ी थी और बाहर से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमलावर गाड़ी में उनकी हालत देख नहीं सके और अपनी बाइक पर भाग निकले.

दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने आधिकारिक गनमैन को छुट्टी पर भेज दिया था क्योंकि उसका बेटा अचानक बीमार पड़ गया था. सिंह ने इस हमले के तुरंत बाद गोला कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई और इस घटना के बारे में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रवक्ता राकेश टिकैत को जानकारी दे दी है.

इस मामले पर गांव सवेरा से बात करते हुए गोला थाना के सीओ संजय नाथ तिवारी ने बताया कि दिलबाग सिंह की शिकायत पर उन्होंने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात के नाम एफआईआर दर्ज की है और फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और हमलावरों की पहचान करने का प्रयास जारी है.

इस घटना पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करके कहा “लखीमपुर किसान नरसंहार घटना में किसानों की न्याय की आवाज बने लोगों पर गोली चलाने वाले ये कौन लोग हैं? ये किसके सरंक्षण में काम कर रहे हैं? क्या बीजेपी सरकार ‘बुलेटराज’ बनाने वाले इन लोगों पर कानून व्यवस्था का बुलडोजर चलाएगी?”

दिलबाग सिंह संधू पर हुए इस हमले से 1 दिन पहले सोमवार को किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर बेंगलुरू में एक कार्यक्रम के दौरान स्याही फेंकी गई थी. राकेश टिकैत बेंगलुरू के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. जिस समय टिकैत प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, उसी समय एक अज्ञात शख्स ने उनके ऊपर स्याही फेंक दी. इसके बाद राकेश टिकैत के समर्थकों ने भी स्याही फेंकने वाले शख्स को पकड़ लिया और प्रेस क्लब में धक्का मुक्की हुई. राकेश टिकैत पर स्याही फेंकने वाले लोग इस दौरान ‘मोदी-मोदी’ के नारे भी लगा रहे थे.