आरक्षण से वंचित अनुसूचित जातियों ने DSC बैनर तले उठाई SC-A की मांग!
हरियाणा में एससी यानी अनुसूचित जाति के नाम पर आरक्षण का लाभ लेने वाली चंद जातियों के खिलाफ अनुसूचित जाति से ही आने वाली करीबन 36 वंचित जातियों ने मोर्चा खोल दिया है. जींद के अर्जुन स्टेडियम में डीएससी (डिप्राइव्ड शेड्यूल कास्ट) से जुड़े संगठनों ने एक बड़ी जनसभा की. डी-एससी संगठनों का आरोप है कि अनुसूचित जाति में आने वाली शैक्षणिक और राजनीति रुप से मजबूत चंद जातियां पूरे आरक्षण का लाभ ले रही हैं. SC-A में आने वाली 36 जातियों ने फिर से SC वर्ग को दो भागों में यानी SC-A और SC-B करने का मांग की है.
जींद के अर्जुन स्टेडियम में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित करते हुए डॉ.स्वदेश कबीर ने कहा, “हमारे साथ सभी सरकारों ने धोखा किया है. 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में SC-A को 10 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन बीजेपी सरकार ने दो दो बार हमारे साथ धोखा किया है.”
बता दें कि 1996 में भजनलाल की कांग्रेस सरकार ने गुरनाम सिंह कमीशन की रिपोर्ट को आधार मानकर वंचित जातियों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा में SC को तोड़कर SC-A और SC-B का गठन किया था. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता देवीदास वाल्मिकी ने कहा, “1994 में भजनलाल की सरकार में लागू SC-A आरक्षण को 2006 में प्रभावशाली जाति के दबाव में आकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने SC-A और SC-B को फिर से एक कर दिया जिसके बाद फिर से वंचित अनुसूचित जातियां आरक्षण से वंचित हो गई.
बता दें कि D-SC में विमुक्त घुमंतू समुदाय आने वाली जातियां भी शामिल हैं. D-SC में आने वाली जातियां इस प्रकार हैं वाल्मिकी, धानक, सांसी, बरार-बुरार-बेरार, बोरिया-बावरिया, बाजीगर,बंजारा, देहा-धाया-धेइया, धोगरी-धांगरी-सिंग्गी, चनल, दरेन, डुमना-डूम, गगरा,गंधीला-गंदील-गंदोला, कबीरपंथी-जुलाहा, खटीक,कोरी, मजहबी-मजहबी सिख, सांसी-भेडकुट-मनेश, नट-बदी, ओड, पासी, सपेला-सपेरा, सिकलीगर बरार-बेरार बटवाल-बरवाला और पेरना जैसी अन्य जातियां शामिल हैं.
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