पंजाब: रेल रोको आंदोलन से पहले पांच किसान नेताओं को हिरासत में लिया!
भगवानपुरा चीनी मिल द्वारा गन्ने की फसल की धीमी खरीद के विरोध में संगरूर जिले के धुरी जंक्शन पर प्रस्तावित रेल रोको से कुछ घंटे पहले पंजाब में पांच किसान यूनियन के नेताओं को उनके घरों पर छापेमारी के बाद हिरासत में लिया गया. यह मिल मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्वाचन क्षेत्र धुरी में स्थित है. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू)-एकता आजाद के अध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल, इसके नेता दिलबाग सिंह हरिगढ़ और हैप्पी नमोल और गन्ना संघर्ष समिति पंजाब के नेता जसमेल सिंह उभवाल और सुखजिंदर सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
किसान यूनियन नेताओं के अनुसार, पुलिस गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरजीत सिंह बुगरा और इसकी राज्य समिति के सदस्य अवतार सिंह तारी के घरों पर भी गई थी, लेकिन उनका पता लगाने में विफल रही. कीर्ति किसान यूनियन के युवा नेता भूपिंदर सिंह लोंगोवाल ने कहा, “पुलिस ने बुगरा का मोबाइल फोन छीन लिया. ये बिल्कुल भी उचित नहीं है. हिरासत में लिए गए किसान नेताओं ने कोई अपराध नहीं किया और यह सीएम के निर्वाचन क्षेत्र में हो रहा है.”
पुलिस कार्रवाई के बाद किसानों ने बरनाला-बठिंडा रेल लाइन पर अलाल रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन के तहत विरोध प्रदर्शन किया. कीर्ति किसान यूनियन (संगरूर) के अध्यक्ष जरनैल सिंह जहांगीर ने मीडिया को बताया, “पुलिस ने हमारे पांच यूनियन नेताओं को हिरासत में लिया है और कई अन्य घरों पर छापे मारे हैं, जिसके कारण कई अन्य लोगों को गिरफ्तारी से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. धुरी रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है.”
किसानों ने कहा भगवानपुरा चीनी मिल द्वारा गन्ने की फसल की धीमी खरीद के विरोध में गन्ना संघर्ष समिति ने रेल रोकने का एलान किया था. इस अक्टूबर में मिल बंद करने की घोषणा की गई थी, लेकिन मिल मालिकों ने आश्वासन दिया था कि पूर्व-सूचना अवधि का लगभग 6 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा जाएगा. किसानों को 13 दिसंबर को आश्वासन दिया गया था कि वे धूरी मिल परिसर में फसल दे सकते हैं और भुगतान 15 दिनों के भीतर उनके खातों में जमा कर दिया जाएगा. लेकिन, इतने दिन बाद भी मिल गन्ने की तौल नहीं कर रही है. इसके बजाय, प्रशासन किसानों को नकोदर, बुढ़ेवाल और अमलोह में चीनी मिलों में जाने की सलाह दे रहा है.
गन्ना संघर्ष समिति के अवतार सिंह तारी ने कहा, “हम अपने खेत से 70-80 किमी दूर चीनी मिलों तक गन्ना ले जाने का खर्चा वहन नहीं कर सकते. सभी वादे विफल हो रहे थे, इसलिए इस रेल रोको की योजना बनाई गई.”