राजस्थान में किसान संगठनों की हुंकार, चुनाव में मांगेंगे किसान विरोधी नीतियों का जवाब!
संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान के जयपुर में हुए राज्य सम्मेलन में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति और भावी आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। सम्मेलन में फैसला लिया गया है कि चुनावों के दौरान गांव-ढाणी में वोट मांगने के लिए आने वाले राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से किसान-विरोधी नीतियों और कृत्यों का जबाव मांगा जाएगा। साथ ही किसान विरोधी दलों और नेताओं को चुनाव में सबक सिखाया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान में शामिल संगठनों ने मोर्चा को मजबूत बनाते हुए किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। सम्मेलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान की समन्वय समिति का चुनाव किया, जिसमें मोर्चे में शामिल सभी संगठनों को शामिल किया गया है। समन्वय समिति में शामिल संगठन इस प्रकार हैं –
अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), जय किसान आंदोलन, जीकेएस, राजस्थान किसान सभा, समग्र सेवा संघ, सर्वोदय किसान मंडल, अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत और ग्रामीण मजदूर सभा, क्रांतिकारी किसान यूनियन, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, मजदूर किसान शक्ति संगठन, आदिवासी जनाधिकार एकता मंच, भारतीय खेत मजदूर यूनियन, मेवात किसान पंचायत, अलवर, इंसाफ़, दलित शोषण मुक्ति मंच, किसान आर्मी (श्रीगंगानगर)
सम्मेलन में साम्प्रदायिक ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का राज्य भर में पर्दाफाश करने का फैसला लिया गया। इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। राज्य के किसानों और आम जनता से आगामी चुनावों में धर्मनिरपेक्ष और किसानों के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले दलों व व्यक्तियों को जिताकर किसान विरोधी और जन विरोधी नीतियों का जबाव देने का आह्वान किया।
किसान मांगपत्र को राजनीतिक दलों का समर्थन
सम्मेलन के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव कॉ. अमराराम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कॉ. नरेन्द्र आचार्य, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य का. फूल चंद ढेवा, समाजवादी पार्टी से विनोद यादव, कांग्रेस की ओर से प्रदेश महासचिव जसवंत गुर्जर और स्वराज इंडिया पार्टी की ओर से योगेन्द्र यादव ने किसानों के मांगपत्र पर अपनी पार्टियों का दृष्टिकोण रखा। साथ ही किसान मांगपत्र की मांगों का समर्थन करते हुए इन्हें अपने घोषणापत्रों में शामिल करने का विश्वास दिलाया।
मुख्यमंत्री गहलोत से मिला प्रतिनिधिमंडल
सम्मेलन के समापन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर उन्हें किसान मांगपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने मांगपत्र पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए तत्काल पूर्ण हो सकने वाली मांगों को पूरा करने का वादा किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुलाबी सुंडी और बेमौसम बारिश व चक्रवाती तूफान से किसानों के नुकसान के लिए तुरंत राहत पैकेज दिया जाएगा। श्रीगंगानगर में लिंक कैनाल को पक्का करवाकर पौंड व वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में तैयार करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मांगपत्र को घोषणापत्र में शामिल करते हुए भविष्य में उन पर काम करने का विश्वास दिलाया।
इस प्रतिनिधिमंडल में योगेंद्र यादव, डॉ.संजय “माधव”, राजाराम मील, तारा सिंह सिद्धू, रमनप्रीत सिंह रंधावा, मनिंदर मान, दीपक लाम्बा शामिल थे। सम्मेलन का संचालन डॉ.संजय माधव, कैलाश गहलोत और रमन यादव ने किया। अध्यक्षमंडल की ओर से हिम्मत सिंह गुर्जर ने सम्मेलन का समापन किया।
सम्मेलन को अखिल भारतीय किसान सभा के सागर खाचरिया, आदिवासी जनाधिकार एका मंच राजस्थान से दुलीचंद मीना, जीकेएस से रणजीत राजू ,अखिल भारतीय खेत मजदूर युनियन से रामरतन बगड़िया, जय किसान आंदोलन से कैलाश यादव, अखिल भारतीय किसान महासभा से रामचन्द्र कुल्हरी, समग्र सेवा संघ से अब्दुल हमीद, क्रांतिकारी किसान यूनियन के बजरंग एडवोकेट आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।