एसडीएम ऑफिस पर आत्मदाह करने वाले किसान की मौत
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मवाना क्षेत्र के एसडीएम दफ़्तर के सामने आत्मदाह के एक दिन बाद ही 53 वर्षीय किसान जगबीर की मौत हो गई. खुद को आग लगाने के कारण उनके शरीर का ज्यादातर हिस्सा जल गया था. जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि किसान जगबीर की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी है.
अलीपुर मोरना गाँव के एक किसान ने बताया कि जगबीर सिंह की ज़मीन को प्रशासन ने गलत तरीके से कब्ज़ा लिया था. इसी के विरोध में जगबीर ने आत्मदाह कर लिया. इस घटना से नाराज मृतक किसान का बेटा मोबाइल टावर पर चढ़ गया. वन विभाग द्वारा खड़ी फसल बर्बाद करने से गुस्साए किसान ने एसडीएम मवाना के ऑफिस के सामने पेट्रोल छिड़ककर लगा आग लगी दी थी.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना वन एवं राजस्व विभाग द्वारा कब्ज़ा की गयी ज़मीन से कब्ज़ा हटाने की कार्रवाई से जुड़ी हुई है.
जगबीर द्वारा आग लगाए जाने के बाद वह 70 प्रतिशत तक जल चुका था. उसके बाद उनको पहले पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. खराब हालत को देखते हुए जगबीर को इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया गया. वहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया गया.
जगबीर की मौत की खबर सुनते ही उनके परिवार और गाँव वालों में रोष भर गया और उन्होंने कहा कि जो अधिकारियों दोषी हैं जब तक उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हो जाती, तब-तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
एसडीएम अखिलेश यादव और एसएचओ विजय बहादुर जगबीर के गाँव पहुंचे और गाँव वालों को समझाने का प्रयास भी किया. एसडीएम यादव ने यह आश्वासन दिया कि जगबीर के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने इस मामले की सही से जांच करने की बात कही. राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से एक प्रतिनिधि मंडल मेरठ के अस्पताल में जगबीर के परिवार वालों से मिलने पहुंचा और उनको हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
जिलाधिकारी मीणा ने शुक्रवार को इस मामले में दो दिन के अंदर जांच पूरी करने के मजिस्ट्रियल आदेश दे दिए है. उन्होंने कहा कि प्रशासन जगबीर के परिवार की हर संभव मदद करेगा. इस मामले की जांच अतिरिक्त जिला अधिकारी अमित कुमार और एसपी कमलेश बहादुर करेंगे.
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