सोनीपत: पराली जलाने पर किसानों पर केस दर्ज!
एक ओर किसान पराली जलाने को लेकर सरकार की सख्ती से नाराज हैं तो वहीं सरकार की ओर से भी किसानों पर लगातार केस दर्ज किए जा रहे हैं इस बार मामला सोनीपत जिले का है जहां पराली जलाने की अब तक 34 घटनाएं सामने आई हैं वहीं प्रशासन की ओर से 6 किसानों पर मामला दर्ज किया गया है, पानीपत में पराली जलाने की 10 घटनाएं सामने आई हैं और यहां तीन किसानों पर मामला दर्ज किया गया है. एक अन्य मामले में कृषि विभाग के अधिकारियों ने आज बबैल गांव के एक किसान के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की है.
सोनीपत में, जिला प्रशासन ने 153 गांवों की पहचान की है जहां पराली जलाने की अधिक घटनाएं सामने आई हैं. डीसी मनोज कुमार ने मीडिया को बताया कि राई ब्लॉक के 20 गांवों के लिए चार क्लस्टर बनाए गए हैं. इसी प्रकार, सोनीपत ब्लॉक के 41 गांवों के लिए चार क्लस्टर बनाए गए हैं, जबकि खरखौदा ब्लॉक के 10 गांवों के लिए केवल एक क्लस्टर बनाया गया है.
डीसी ने कहा कि गन्नौर ब्लॉक में 41 ग्रामीणों के लिए आठ क्लस्टर स्थापित किए गए हैं, जबकि कथूरा ब्लॉक के आठ गांवों के लिए एक ब्लॉक का गठन किया गया है. डीसी ने कहा कि मुंडलाना ब्लॉक के 16 गांवों के लिए दो क्लस्टर और जिले के गोहाना ब्लॉक के 17 गांवों के लिए दो क्लस्टर बनाए गए हैं. पराली जलाने पर नजर रखने और जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं.
कृषि विभाग, पानीपत के उप निदेशक, आदित्य डबास ने कहा कि जिले में आज तक खेतों में आग लगने की कुल 10 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से सात की पुष्टि की गई है. डबास ने कहा कि फसल अवशेष जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाने के बावजूद कुछ के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं. डबास ने कहा कि कवि, भदौड़ गांव के किसानों और पानीपत ब्लॉक के एक किसान के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि जिले के बबैल गांव के एक किसान के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है.
अंबाला के किसान संगठनों ने पराली जलाने संबंधी सरकार के फैसलों का विरोध किया है. उल्टा सरकार को सख्ती के विरोध में पराली में आग लगाकर अपना विरोध जताया था.