पराली जलाने वाले किसानों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद करेगी सरकार!
पराली जलाने को लेकर किसानों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार का कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद करने की योजना बना रहा है. कृषि विभाग के निदेशक नरहरि सिंह बांगर ने सभी कृषि उपनिदेशकों से कहा है कि वे संबंधित उपायुक्तों से संपर्क कर विभाग को ऐसी सिफारिशें भेजें ताकि किसानों को फसल अवशेष (पराली) जलाने से रोका जा सके.
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य में पराली जलाने से रोकने के प्रयासों का आकलन करने के लिए उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. मुख्य सचिव कौशल ने उन्हें प्रभावित क्षेत्रों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए रणनीति बनाने और लागू करने के लिए कृषि और अन्य अधिकारियों के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया.
उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही.
कृषि विभाग के निदेशक बांगर ने कहा कि पूरे प्रदेश में फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध है. अधिकारियों को बार बार पराली जलाने वाले किसानों की एक सूची तैयार करने और मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर उन्हें दिए जा रहे लाभ को रोकने के लिए डीसी से संपर्क करने के लिए कहा गया है.
वहीं करनाल के डीडीए डॉ वज़ीर सिंह ने कहा, “हम उन किसानों की सूची तैयार कर रहे हैं जो बार-बार फसल अवशेष जलाते हैं. पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ को रोकने के लिए डीसी से सिफारिश करेंगे.”
इसके साथ ही कैथल में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी राघवेंद्र राव ने सरकार को ऐसे किसानों को योजना का लाभ देना बंद करने की सलाह दी है. उन्होंने अधिकारियों से ऐसे किसानों का एक डेटाबेस तैयार करने को भी कहा.
वहीं हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र ने 15 सितंबर से 10 अक्टूबर तक राज्य भर में 319 खेतों में आग लगने की घटनाओं की सूची तैयार की है, पराली में आग लगाने की घटना पिछले साल की इस अवधि की तुलना में अधिक है. पिछले साल राज्य में 83 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं अबकी बार सबसे ज्यादा अंबाला में 59 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद कुरूक्षेत्र (49), फतेहाबाद (40), जिंद (31), सोनीपत (31), यमुनानगर (28), कैथल (24), करनाल (20), हिसार (13), झज्जर ( आंकड़ों के अनुसार, 2), और भिवानी, फ़रीदाबाद, रोहतक और सिरसा में एक-एक मामला सामने आया है.
- Tags :
- Haryana
- indian agriculture
- किसान