धान और बाजरे की उपज MSP से नीचे बेचने को मजबूर हुए किसान: भूपेंद्र सिंह हुड्डा

 

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा उनकी उपज की खरीद में देरी के कारण किसान धान और बाजरा एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचने को मजबूर हैं

मीडिया से बातचीत में हुड्डा ने कहा, ”लगभग 80 प्रतिशत किसानों को संकट में अपनी उपज बेचनी पड़ी क्योंकि सरकार समय पर इसे खरीदने में विफल रही है” विपक्ष के नेता ने टिप्पणी की कि भाजपा-जजपा सरकार सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और इसने हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध और नशे में धकेल दिया है.

आरबीआई और एनएसओ द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए, हुडा ने अफसोस जताया कि हरियाणा आर्थिक संकट से गुजर रहा है क्योंकि राज्य में निवेश और रोजगार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा, ”राज्य पर कर्ज 4.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, लेकिन फिर भी विकास पूरी तरह से ठप है.”

हुड्डा ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शराब, धान खरीद, रजिस्ट्रियां, मेडिकल सामान खरीद, अमृत योजना, भर्ती, पेपर लीक और खनन समेत हजारों करोड़ रुपये के अनगिनत घोटाले हुए हैं.

समय पर धान की खरीद को लेकर किसान संगठनों ने भी प्रदर्शन कर सरकार को चेताया था. जिसके बाद सरकार ने समय पर धान की खरीद की बात कही थी लेकिन इसके बावजूद भी किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बेचने को मजबूर हैं.