हिसार में कम बारिश के कारण किसानों को फसल खराब होने का है डर!
एक ओर जहां किसान बाढ़ के कारण खराब हुई फसल के लिए मुआवजे की मांग कर रहे तो वहीं दूसरी ओर हिसार में लगभग 50% कम बारिश के कारण, किसानों को ख़रीफ़ सीज़न में फसल ख़राब होने का डर है. वहीं हिसार के आसपास जिंद, फतेहाबाद और भिवानी जिलों में भी कम बारिश हुई है, काम बारिश के कारण मुख्य रूप से धान और कपास की फसलों के सूखने का खतरा पैदा हो गया है.
हिसार में 124.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मानसून सीजन के दौरान होने वाली औसत बारिश से काफी कम है. हालांकि फतेहाबाद जिले के कुछ क्षेत्रों के किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ा है जिससे लगभग 80 हजार एकड़ में धान की फसल को भी नुकसान हुआ, वहीं कम बारिश ने जिले में धान को फिर से प्रभावित किया है.जानकारी के मुताबिक, फतेहाबाद में करीब 36 फीसदी बारिश की कमी है. जिले में लगभग 3 लाख एकड़ धान की खेती है, जिसमें से लगभग 50% फसल सिंचाई पर निर्भर है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार फतेहाबाद जिले के नाधोडी गांव के किसान राजेंद्र ने बताया ,“ट्यूबवेल से धान की सिंचाई करना बहुत महंगा है. धान को सिंचाई की सख्त जरूरत है और हम बारिश पर निर्भर हैं. फतेहाबाद में धान को दोहरी मार पड़ी है क्योंकि पंजाब की ओर से आए बाढ़ के पानी के कारण टोहाना और रतिया के कुछ हिस्सों में खेत बह गए हैं. वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी माना है कि अब, दूसरे क्षेत्रों में धान की खेती का बारिश की कमी के कारण नुकसान हो रहा है.
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हिसार जिले में स्थिति और भी खराब है, जहां इस मानसून में औसत बारिश से 50% की कमी देखी गई है. अधिकारियों का कहना है कि हिसार में लगभग 80 हजार हेक्टेयर धान में से लगभग 50% पर बर्बादी का खतरा मंडरा रहा है. इसी तरह, जिंद (35%), भिवानी (21%) और रोहतक (25%) जिलों में बारिश की कमी का असर खरीफ फसलों पर पड़ा है.