जेल में बंद किसानों से मिले किसान नेता, जिलाधिकारी कार्यालय तक निकालेंगे विरोध मार्च!

तिकुनिया में शहीद किसानों को न्याय दिलाने के लिए लखीमपुर में दूसरे दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी रहा. दूसरे दिन के महापड़ाव में किसानों की संख्या पहले दिन से ज्यादा रही. महापड़ाव के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा टीम ने झूठे केसों में जेल में बंद किसानों से मुलाकात की. महापड़ाव के दबाब में प्रशासन ने पहली बार संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को जेल में बंद किसानों से मिलने की अनुमति दी.
जेल में किसानों से मुलाकात करने वाली टीम में राकेश टिकैत, डॉ दर्शन पाल, जोगेन्द्र सिंह उगराहा, मंजीत राय, सुरेश कोथ, डा आशीष मित्तल तजिन्दर सिंह विर्क रणजीत सिंह राजू ऋचा सिंह गुरअमनीत सिंह मांगट शामिल रहे. जेल में झूठे केसों में बंद किसानों से मिलकर बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि किसानों का हौंसला बुलन्द है.
महापड़ाव के मंच पर शहीद किसानों के परिवारजनों और घायल किसानों को हरा साफा भेंटकर सम्मानित किया गया. महापड़ाव में शामिल किसान संगठनों के नेताओं की बैठक में निर्णय लिया कि राज्य सरकार से लखीमपुर किसान हत्या कांड के मामले में वादाखिलाफी आंदोलन तेज किया जाएगा. बैठक के दौरान प्रशासन से मांग की कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता निर्धारित करें. सभी किसान संगठनों के नेताओं ने सर्वसम्मति से तय किया कि जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकाला जाएगा.
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