मॉनसून सत्र के साथ जंतर-मंतर पर लगी ‘किसान संसद’, कृषि कानूनों पर हुई चर्चा!

 

संसद के मॉनसून सत्र के साथ किसानों ने भी जंतर-मंतर पर अपनी ‘किसान संसद’ लगाई. संयुक्त किसान मोर्चे के कार्यक्रम के तहत किसान जंतर-मंतर पर ‘किसान ससंद’ लगाने के लिए पहुंचे. धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम के तहत 200 किसान बसों में सवार होकर सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पर पहुंचे. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर से लेकर जंतर-मंतर तक भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी.

संसद भवन के पास स्थित जंतर-मंतर पर किसानों ने कुर्सियां लगाकर संसद लगाई जिसमें किसान नेता राकेश टिकैट, सुरेश कोथ, युद्धवीर सिंह शामिल हुए. किसान संसद के पहले दिन पीएमसी एक्ट पर चर्चा की गई. इसी तरह कल 200 किसानों का दूसरा जत्था जंतर-मंतर पर जाएगा और अन्य कृषि कानूनों पर चर्चा की जाएगी.

गांव-सवेरा से बात करते हुए किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा, “हमारा आज का मकसद संसद के सामने धरना-प्रदर्शन करने का था, लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि इस देश का किसान आपनी आवाज उठाने के लिए पुलिस के पहरे में बोल रहा है. किसानों के चारों ओर पुलिस की तैनाती कर दी गई. कार्यक्रम के शुरुआत में मीडिया को भी किसानों के पास नहीं आने दिया गया. लोकसभा में सांसद किसानों के हक में अपना काम नहीं कर रहे हैं अगर सांसद ठीक से अपना काम करते तो आज किसानों को पुलिस के पहरे में न रहना होता. किसान संसद के जरिए किसानों की बात देश के लोगों तक जाएगी.”

वहीं किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, “संसद के नाम से सभी कार्यक्रम जंतर-मंतर पर ही होते रहे हैं. किसानों ने आज यहां बैठकर कृषि कानूनों पर चर्चा की. सभी लोगों ने अपने-अपने विचार रखे. वोटर व्हिप के जरिए हमने राजनीतिक पार्टियों के चेताया है कि उनको किसानों के मुद्दे पर साथ आना चाहिए.

किसान हर रोज इसी तरह 200 किसानों के जत्थे के साथ जंतर-मंतर पर जाएंगे और किसान-संसद लगाएंगे. किसानों को 9 अगस्त तक जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने की अनुमति है. किसान संसद 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी.