टैब के बहाने सरकारी स्कूलों के हालात छुपाने की कोशिश

 

5 मई को हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को टैब बांटे गए. यह शुरुआत खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक से की. 5 लाख टैब बांटने का लक्ष्य हरियाणा सरकार ने रखा है. ऐसे में हमने हरियाणा के सरकारी स्कूलों की हालत जान ने की कोशिश की तो आंकड़े हैरान करने वाले हैं.

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में लगभग 50 हजार शिक्षण और गैर शिक्षण पद खाली पड़े हैं, जिनमें से लगभग 40 हजार शैक्षिक पद हैं.

लगभग 60 स्कूल ऐसे हैं जो बिना किसी अध्यापक के चल रहे हैं. ऐसे स्कूल ज्यादातर प्राथमिक स्कूल हैं. इनमें से 30 स्कूल तो अकेले शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र जगाधरी से हैं.

सैंकड़ों स्कूल एक ही अध्यापक के भरोसे चल रहे हैं. अब एक अध्यापक बच्चों को पढ़ाएंगे या फिर सरकार के कागजी काम पूरा करेंगे? इस सवाल का जवाब या तो ऐसे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे दे सकते हैं या फिर वहाँ तैनात वो अकेले अध्यापक.

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व महासचिव जगरोशन ने गाँव सवेरा को बताया, “398 स्कूल ऐसे हैं जिनमें प्रिंसिपल नहीं हैं, दसवीं तक के 112 स्कूल ऐसे हैं जिनमें हैड नहीं हैं. पहली से आठवीं तक के छात्र छात्राओं को किताबें शिक्षा विभाग की तरफ से दी जाती थी जो पिछले दो साल से नहीं दी जा रही हैं. सरकार ने किताब छापना ही बंद कर रखा है. गरीब बच्चों को किताबों, ड्रेस, स्टेशनरी आदि के लिए साल में एक बार 1300 से 1600 रुपए का इन्सेंटिव मिलता था जो पिछले दो साल से नही दिया जा रहा है.”

जगरोशन का कहना है कि वह तकनीक और ऑनलाइन पढ़ाई के खिलाफ नहीं हैं बल्कि सरकार तकनीक की आड़ में शैक्षिक पद कम करना चाह रही है. बुनियादी जरूरतों को सरकार पूरा नहीं कर रही है. बिना किताबों और बिना स्टाफ के कैसे पढ़ाई हो सकती है?

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने 5 मई को कैथल में प्रैस वार्ता में बताया, “पहली से आठवीं के 15 लाख विद्यार्थियों को दो साल से किताब नहीं दी गई हैं. शिक्षा मंत्री से बार बार मिलने के बाद उन्होंने आश्वासन दिया था कि 1 अप्रैल को किताब विद्यार्थियों के हाथ में होंगी लेकिन एक महीने से ऊपर हो गया अभी तक किताब नहीं मिली हैं. पिछले 4 महीने से विद्यार्थियों को मिड डे मील नहीं दिया जा रहा, मिड डे मील बनाने के लिए स्कूलों में राशन ही नहीं है. प्रदेश में अनेकों स्कूल ऐसे है जहां बिजली के बिल न भरने की वजह से बिजली विभाग ने मीटर हटा लिए हैं, ऐसी भयंकर गर्मी में कैसे बिना बिजली के काम चलेगा? कुछ अध्यापकों ने अपनी जेब से बिजली बिल भरे हैं.”

अध्यापक संघ ने आरोप लगाया कि टैब को अध्यापक का विकल्प बनाया जा रहा है. यह सब शिक्षा को ऑनलाइन करने के लिए किया जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में ऑनलाइन यूनिवर्सिटी की बात कही गई है. इसी मकसद को पूरा करने के लिए सरकार यह सब कर रही है और इसीलिए सरकार ने 12 शिक्षा चैनल को बढ़ाकर 200 कर दिया. अध्यापक संघ का आरोप है कि सरकार शिक्षा को बड़ी आबादी की पहूंच से बाहर कर रही है.

जगरोशन ने बताया कि सरकार आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्ले वे स्कूल में बदलने की योजना बना रही है. पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को सरकार इन प्ले वे स्कूलों के माध्यम से शिक्षा देगी. इन केन्द्रों में न तो कोई स्थायी स्टाफ है और जो स्टाफ है उसका पढ़ाने का न तो कोई अनुभव है, न कोई डिग्री और न ही ट्रेनिंग. आंगनवाड़ी केन्द्रों, में काम करने वाली कर्मचारी खुद लंबे समय से खुद को कर्मचारी का दर्जा दिलवाने के लिए कर संघर्ष कर रही हैं. ऐसे में यह कैसे कारगर होगा यह तो समय ही बताएगा.

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों के बारे में क्या कहना है हरियाणा के शिक्षा मंत्री का ?

4 मार्च 2022 को महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने हरियाणा विधानसभा में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, स्वीकृत पदों, खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिक्षा मंत्री से सवाल पूछे थे. जिनका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया,“हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 38476 शिक्षकों की जरूरत है. प्रदेश में पीजीटी के 15265, टीजीटी के 18236, मुख्याध्यापक के 1046 और जेबीटी-पीआरटी के 3929 पद खाली हैं, प्रदेश में 14491 सरकारी स्कूल हैं. इनमें शिक्षकों के 120966 पद मंजूर हैं. जबकि वर्तमान में जरूरत 122798 शिक्षकों की है. स्कूलों में नियमित शिक्षक 72188 ही हैं, जबकि 12134 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं. स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी 1980 पद खाली चल रहे हैं. इनमें चौकीदार के 663, माली के 579, सफाई कर्मचारियों के 738 पद खाली चल रहे हैं.”

दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट

शिक्षा मंत्री ने बताया था कि स्कूल शिक्षा विभाग 7631 पद भरने की तैयारी में है. पीजीटी के 3646 पद भरे जाएंगे. इनमें से 3331 शेष हरियाणा व 315 मेवात कैडर के होंगे.

टीजीटी के 3033 पदों की भर्ती होगी. इसमें से 1935 शेष हरियाणा व 1098 मेवात के होंगे. पीआरटी के 952 पदों को मेवात संवर्ग में भरा जाएगा. इनकी मांग विभाग ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजी हुई है. अभ्यर्थी इस भर्ती के इंतजार में हैं.

इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग पर भी नियुक्ति करेगी. हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये ये भर्तियां होंगी. सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी पुनर्नियुक्ति दी जाएगी.

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली करीब 40 हजार पद को भरने के लिए इस सत्र से अनुबंध के तहत शिक्षकों को नियुक्त करने की तैयारी सरकार कर रही है. स्कूलों में इन अध्यापकों की नियुक्ति कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाएगी.

पिछला सत्र में सेवानिवृत अध्यापकों के सहारे काम चलाया गया था लेकिन अब उन्हें भी हटा दिया गया है.