किसान आंदोनल से जुड़े छात्र संगठनों को निशाना बना रही हरियाणा पुलिस!

 

किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 6 महीने से आंदोलनरत हैं. तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कुंडली औद्योगिक क्षेत्र के मजदूर संगठन और छात्र संगठन भी पहले दिन से आंदोलन में किसानों का साथ दे रहे हैं. मजदूर और छात्र संगठनों के किसान आंदोलन में सक्रिय होने के कारण पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार इन संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है. इससे पहले 12 जनवरी को मजदूर अधिकार संगठन के नेताओं को निशाना बनाया गया था जिसमें मजदूर अधिकार संगठन के नेता शिव कुमार और नौदीप कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर यातनाएं दी थी. नौदीप कौर और शिव कुमार अभी जमानत पर बाहर हैं.

पुलिस पर इन दोनों मजदूर नेताओं की रिहाई की मांग में सक्रिय छात्र संगठनों को निशाना बनाने का आरोप लगा है. छात्र एकता मंच संगठन के अध्यक्ष अंकित कुमार ने पुलिस पर आरोप लगाए कि उनको और उनके साथी साहिल को गोहाना CIA के नाम से फोन करके पेश होने का दबाव बनाया जा रहा है. छात्र नेता अंकित ने बताया कि छात्र एकता मंच के जिला अध्यक्ष साहिल को पुलिस फोन करके और घर पर जाकर परेशान कर रही है.

अंकित ने बताया, “पुलिस किसान आंदलोन में मजदूर और छात्र संगठनों की सक्रियता से परेशान है. छात्र एकता मंच आंदोलन के समर्थन में गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक और सभाएं करता आ रहा है, जिससे आंदोलन को मजबूती मिलती है. यह सब सरकार और प्रशासन को खटक रहा है, इसलिए छात्र नेताओं को 12 जनवरी के मजदूर नेताओं के मामले से जोड़ा जा रहा है. छात्र अंकित ने आरोप लगाया कि पुलिस उन लोगों को निशाना बना रही है जो शिवकुमार और नोदीप कौर की रिहाई के लिए संघर्ष कर रहे थे.  

छात्र नेता अंकित ने किसान आंदोलन में सक्रिय छात्रों को पुलिस प्रशासन द्वारा परेशान करने और निशाना बनाए जाने का विरोध किया. 

वहीं मजदूरों के हकों के लिए जेल की यातनाएं सहन कर चुकीं मजदूर नेता नौदीप कौर ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है. नौदीप कौर ने बताया, “पुलिस पहले मजदूर संगठनों को निशाना बना रही थी. अब छात्र संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है. इसके पीछे मुख्य कारण किसान आंदोलन में इन संगठनों की सक्रियता है.” नवदीप कौर ने कहा कि हम सभी लोग पहले दिन से मजदूरों के हकों को लिए अपना काम कर रहे हैं और पहले दिन से मजदूरों को किसानों की जायज मांगों के लिए जागरूक करने का काम कर रहे हैं जिसके चलते सरकार और पुलिस प्रशासन को दिक्कत हो रही है. लेकिन हम पुलिस को बता देना चाहते हैं कि वो हमारे इरादों को कमजोर नहीं कर सकते. हम अपने काम में लगे रहेंगे और सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध करते रहेंगे.

सिंघु बॉर्डर पर धरनारत भारतीय किसान पंचायत ने पुलिस प्रशासन द्वारा छात्र और मजदूर संगठनों को निशाना बनाने का कड़ा विरोध किया. किसान पंचायत के बुजुर्ग किसान नेता छतर सिंह ने कहा कि इस आंदोलन में समाज के सभी तबकों का योगदान रहा है, जिसमें छात्रों और मजदूरों की भी बड़ी भूमिका रही है. छात्रों की इसी भूमिका से शासन-प्रशासन के लोग परेशान हैं, जिसके चलते इन छात्रों को लगादार दबिश डालकर निशाना बनाया जा रहा है. हम पुलिस कि इस तरह की नीच हरकतों की कड़ी निंदा करते हैं. पुलिस को यह सनग छात्रों को निशाना बनाने से पहले पुलिस को किसान आंदोलन से निपटना होगा क्योंकि ये छात्र और मजदूर संगठन भी किसान आंदोलन का हिस्सा हैं.

वहीं छात्रों को थाने में पेश होने के लिए कहने वाले गोहाना सीआईए के एएसआई धर्मबीर ने कहा कि “इन छात्रों को नौदीप कौर और शिवकुमार के केस में ही पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है”, एएसआई धर्मबीर ने कहा कि “ये सभी छात्र, नैदीप कौर और शिवकुमार के संपर्क में थे जिसके चलते उनको पूछताछ में शामिल किया गया है”