हाउडी हंगर? भुखमरी में पाकिस्तान, बांग्लादेश से कैसे पिछड़ा भारत?

 

केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। यह दावा अक्सर राजनीति चर्चाओं में उछलता है। इसके पक्ष-विपक्ष में अपने-अपने तर्क हैं, जिनमें हंगर इंडेक्स का जिक्र बार-बार आता है। इस साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 117 देशों के बीच 102वें स्थान पर है और इसे ‘गंभीर स्थिति’ वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है। जबकि पाकिस्तान 94वें, बांग्लादेश 88वें, नेपाल 73वें और श्रीलंका 66वें स्थान पर है।

हंगर इंडेक्स में जिन 17 देशों को सामूहिक रूप से पहले पायदान पर रखा गया है उनमें क्यूबा, तुर्की, यूक्रेन, कुवैत, रोमानिया, चिली और बेलारूस शामिल हैं। इस फेहरिस्त में नाइजर, रवांडा, इथोपिया, मोजांबिक, तंजानिया और नाइजीरिया जैसे अफ्रीकी देशों की स्थिति भी भारत से बेहतर है।

5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक महाशक्ति बनने का ख्वाब देख रहे देश के लिए यह असहज करने वाला आंकड़ा है, जिसे आयरलैंड और जर्मनी की दो संस्थाएं प्रकाशित करती हैं। दोनों विदेशी संस्थाएं हैं। इनकी भी अपनी राजनीति और भुखमरी के अपने पैमाने हैं। इन सब पर बहस की पूरी गुंजाइश है। फिर भी दुनिया की एक जानी-मानी रिपोर्ट में भारत का सबसे ज्यादा भुखमरी वाले देशों में शुमार होना चिंताजनक है।

क्या है भुखमरी का पैमाना

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में सबसे कम भुखमरी वाले देश को शून्य और सबसे ज्यादा भुखमरी वाले देश को 100 अंक दिए जाते हैं। इस प्रकार कम स्कोर वाले देश इंडेक्स में ऊंचा स्थान पाते हैं। इस इंडेक्स को अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग (उम्र के हिसाब से कम वजन वाले 5 साल से कम उम्र के बच्चों का अनुपात), चाइल्ड स्टंटिंग (उम्र के हिसाब से कम लंबाई वाले 5 साल से कम उम्र के बच्चों का अनुपात) और बाल मृत्यु दर के आधार पर तैयार किया जाता है।

5 साल में कहां पहुंचा भारत?

हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट आते ही मोदी विरोधियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। केरल के वित्तमंत्री थॉमस आइसैक ने ट्वीट किया, “2019 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स आ चुका है। भारत 102वें स्थान पर आ गया है। यह गिरावट प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के साथ शुरू हुई थी। वर्ष 2014 में भारत 55वें स्थान पर था। 2017 में 100वें स्थान पर आया, और अब नाइजर व सिएरा लियोन के स्तर पर पहुंच गया है। विश्व के भूखों का बड़ा हिस्सा अब भारत में है।”

हालांकि, यह पूरा सत्य नहीं है। हाल के वर्षों में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति कुछ इस प्रकार रही है

साल   भारत का स्थान      कुल देश

2014            55                 76

2016            97                118

2017            100              119

2018            103              119

2019            102              117

जाहिर है कि हंगर इंडेक्स में भारत पिछड़ रहा है। लेकिन हर साल कुल देशों की संख्या अलग-अलग होने की वजह से पिछले वर्षों से आंख मूंदकर तुलना करना उचित नहीं है। ऐसी तुलना करते हुए कुल देशों की संख्या को भी ध्यान में रखना चाहिए।

चाइल्ड वेस्टिंग भारत में सर्वाधिक

हंगर इंडेक्स में भारत न सिर्फ पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पीछे है बल्कि यहां चाइल्ड वेस्टिंग यानी उम्र के हिसाब से कम वजन वाले बच्चों का अनुपात विश्व में सर्वाधिक 20.1 फीसदी है। भारत में चाइल्ड स्टंटिंग यानी उम्र के हिसाब से कम लंबाई वाले बच्चों का अनुपात 37.9 फीसदी है जो चिंताजनक है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 6-23 महीने के केवल 9.6 फीसदी बच्चों को न्यूनतम आहार मिल पाता है। यानी 90 फीसदी से ज्यादा बच्चे न्यूनतम आहार से भी वंचित हैं।

ये तथ्य देश में कुपोषण की भयावह तस्वीर उजागर करते हैं। हमारे बच्चे कुपोषित हैं।

नेपाल, बांग्लदेश से सबक लेने की जरूरत 

पिछले साल तक पाकिस्तान हंगर इंडेक्स में भारत से नीचे 106वें स्थान पर था, लेकिन इस साल भारत को पीछे छोड़ चुका है। नेपाल और बांग्लादेश की स्थिति लगातार भारत से बेहतर बनी हुई है। साल 2000 में नेपाल का स्कोर 36.6 था जो इस साल 20.8 है। इसी तरह बांग्लादेश का स्कोर 36.1 था जो अब 25.2 है। जबकि इस दौरान भारत 38.8 से 30.3 तक ही पहुंचा। यह स्कोर जितना कम होता है, भुखमरी के पैमाने पर किसी देश की स्थिति उतनी ही बेहतर मानी जाती है।

रिपोर्ट में भुखमरी दूर करने के बांग्लादेश के प्रयासों की तारीफ करते हुए इसका श्रेय वहां की आर्थिक प्रगति के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और साफ-सफाई पर ध्यान दिए जाने को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में चाइल्ड स्टंटिंग दर 1997 में 58.5 फीसदी थी जो 2011 में घटकर 40.2 रह गई। इसी तरह नेपाल में चाइल्ड स्टंटिंग दर 2001 में 56.6 फीसदी से घटकर 2011 में 40 फीसदी के आसपास रह गई।

भारत में सुधार की रफ्तार धीमी  

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान भले ही नीचे गिरा है लेकिन भुखमरी के स्तर में सुधार यहां भी हुआ है। साल 2000 के हंगर इंडेक्स में भारत का स्कोर 38.8 था जो 2019 में 30.3 है। लेकिन सुधार की रफ्तार धीमी होने की वजह से भारत का स्थान पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से नीचे हैं। हालांकि, भारत के साथ इन देशों की तुलना करते हुए आकार, आबादी और भौगोलिक अंतर को ध्यान में रखना चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 के बाद वैश्विक स्तर पर भुखमरी और कुपोषण के स्तर में गिरावट आई है। इसका सीधा संबंध दुनिया में कम हुए गरीबी के स्तर से है। फिर भी जीरो हंगर का लक्ष्य अभी बहुत दूर है। इस साल की रिपोर्ट में भुखमरी मिटाने के प्रयासों में जलवायु परिवर्तन को खास चुनौती के तौर पर पेश किया गया है।