“पेपर रद्द होने की ख़बर सुनी तो मन किया कि घर न जाकर रेल के नीचे सिर दे दूं”
हरियाणा सरकार ने 7 अगस्त 2021 को हुई हरियाणा पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा रद्द कर दी है. सरकार की दलील है कि पेपर लीक होने की वजह से ये फैसला लिया गया है. परीक्षा के दौरान ही हरियाणा पुलिस ने कैथल से 5 और हिसार से 2 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया था. इसके बाद से ही पेपर लीक की खबरें आने लगी थी. अंत में हरियाणा कर्मचारी आयोग ने 7 और 8 अगस्त की सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया.
साल 2020 में प्रदेश सरकार ने हरियाणा पुलिस के कुल 7,298 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिनमें 5,500 पद पुरुष कांस्टेबल, 1100 महिला कांस्टेबल और 698 पद दुर्गा शक्ति बल में महिला कांस्टेबल के लिए थे.
लगभग 8 लाख 39 हजार युवाओं ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था. एक पद पर लगभग 114 उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए रेस में थे, लेकिन परीक्षा रद्द होने की वजह से इन सब के अरमानों पर पानी फिर गया.
इससे पहले प्रदेश की दो बड़ी भर्तियों – नायब तहसीलदार और ग्राम सचिव का पेपर भी लीक हुआ था. उस वक़्त ग्राम सचिव के 697 पदों के लिए लगभग 8 लाख़ युवाओं ने आवेदन किया था. इसके बाद हरियाणा सरकार ने ग्राम सचिव की परीक्षा को रद्द कर दिया, वहीं नायब तहसीलदार पेपर लीक मामले में जांच ज़ारी रखी मगर पेपर लीक होने के बावज़ूद भी परीक्षा को रद्द नहीं किया गया.
नायब तहसीलदार और ग्राम सचिव दोनों परीक्षाओं को 2 साल से ज़्यादा का वक़्त हो गया है मगर इन मामलों में जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और न ही अब तक कोई बड़ा नाम जांच में सामने आया है.
इसके अलावा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में जूनियर सिस्टम इंजीनियर भर्ती को इसी साल जून महीने में सरकार ने रद्द कर दिया. 146 पदों की इस भर्ती को उम्मीदवारों के चयन के समय ये कहकर रद्द कर दिया गया कि अभी विभाग को इनकी जरुरत नहीं है. परीक्षा के लगभग एक साल बाद इसका परिणाम दिया गया और फिर ज्वाइनिंग के वक़्त नियुक्तियां रद्द कर दी गईं. इसको लेकर भी चयनित युवा कईं महीनों से सरकार से गुहार लगा रहे हैं मगर अभी तक इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है.
इसी तरह फरवरी 2021 में प्रदेश सरकार ने टीजीटी अंग्रेज़ी के 1,035 पदों पर होने वाली भर्ती को भी रद्द कर दिया. साल 2015 में इस भर्ती को निकाला गया था और फिर सब कुछ हो जाने के बाद ज्वाइनिंग से ठीक पहले, 6 साल बाद इस भर्ती को भी रद्द कर दिया गया. वहीं साल 2015 में ही पीजीटी संस्कृत के 626 पदों पर निकली भर्ती को भी प्रदेश सरकार ने फरवरी, 2021 में रद्द कर दिया. इस भर्ती में भी अभ्यर्थियों का केवल ड्यूटी जॉइन करना बचा था.
हरियाणा में रोजगार और भर्ती परीक्षाओं को लेकर सक्रिय श्वेता ढुल ने गाँव सवेरा को बताया, “हरियाणा राज्य सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार और धांधलेबाजी का हब बन गया है. बिना खर्ची, बिना पर्ची और पारदर्शी भर्ती – ये इस सरकार का सबसे बड़ा जुमला साबित हुआ है. किसी भी भर्ती में हुई धांधली की जांच पूरी नहीं की जा रही, जांच का दायरा कभी भी बड़े अधिकारीयों तक नहीं पहुँचता.”
श्वेता ढुल हरियाणा में होने वाली सरकारी भर्तियों को लेकर उम्मीदवारों की कानूनी सहायता भी करती हैं. परीक्षा रद्द होने से युवाओं पर पड़ने वाले सामाजिक और मानसिक दबाव के बारे में श्वेता कहती है, “मेरे पास हरियाणा पुलिस कांस्टेबल का पेपर रद्द होने पर युवाओं के बहुत निराशा भरे संदेश आए. बच्चे पिछले 2 सालों से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, ऐसे में उनके लिए ये बहुत दुखी करने वाली घटना है. अगली परीक्षा तक किसी की उम्र निकल जाएगी, किसी के पास और कोचिंग लेने के पैसे नहीं होंगे, किसी की पारिवारिक स्तिथि ठीक नहीं है – ऐसे में इन बच्चों के दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है और वो मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं.”
इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी मुहीम चलाई गई. ट्विटर पर #hsscsystemfail #hsscpaperleak जैसे हैशटैग्स के साथ हजारों ट्वीट किए गए. सामान्य ज्ञान विषय पढ़ाने वाले फ़तेहाबाद ज़िले के अध्यापक प्रदीप ने इस मुहीम की शुरुआत की.
प्रदीप ने हमें बताया, “पेपर रद्द होने से बच्चे बेहद मायूस हैं. लगातार सरकारी नौकरियों में इसी तरह पेपर लीक और रद्द होने का दौर चल पड़ा है. पहले कोरोना की वजह से लगभग 2 साल तक कोई भर्ती नहीं हुई और अब ये हो गया. हमने एक ट्विटर कैंपेन के माध्यम से इस लच्चर व्यवस्था की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहा है.”
हरियाणा पुलिस कांस्टेबल भर्ती का जो पेपर रद्द हुआ है उसके पाठ्यक्रम को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. रेवाड़ी में कोचिंग सेंटर चलाने वाले कुलदीप यादव से हमने इस विषय में बात की. कुलदीप ने बताया, “हर पेपर में विषय तय होते हैं कि कहाँ-कहाँ से प्रश्न पूछे जाएंगे. मगर हरियाणा पुलिस कांस्टेबल के पेपर में तय विषयों से बाहर भी सवाल पूछे गए. पशुपालन से सम्बंधित बहुत सारे प्रश्न थे, भला पशुपालन का पुलिस विभाग से क्या संबंध?. इतिहास, राजनीति, भूगोल, अर्थव्यवस्था, हिंदी आदि से कोई एक सवाल भी नहीं पूछा गया. ये हम अध्यापकों के लिए भी हैरानी का विषय था.”
फ़तेहाबाद के मनीष ने बताया, “मैं पिछले 4 सालों से सरकारी नौकरी के लिए कोशिश कर रहा हूँ. जिस किसी परीक्षा की तैयारी करता हूँ, वही रद्द हो जाती है. साल 2019 में एचएसएससी-जेई का पेपर दिया वो भर्ती अब तक अटकी हुई है, फिर ग्राम सचिव का पेपर दिया वो रद्द हो गया. अब ये हरियाणा पुलिस कांस्टेबल का दिया ये भी रद्द हो गया. मैंने 2017 में इंजीनियरिंग की थी उसके बाद 4 साल हो गए मगर नौकरी नहीं मिल रही. आस-पड़ोस के लोग टोकते हैं, घरवाले भी अब तो परेशान हो गए. समझ में नहीं आता क्या करूँ?
महेंद्रगढ़ ज़िले के 24 वर्षीय चिंकी कुमार ने बताया, “मैं पिछले 7 महीनों से दिन-रात इस पेपर की तैयारी में लगा हुआ था. मेरा सेंटर हिसार था, पेपर देकर वापस आते वक़्त जब यह ख़बर सुनी कि पेपर रद्द हो गया तो मन किया कि ट्रेन के नीचे आकर जान दे दूँ. घर जाने की हिम्मत नहीं बची थी. मगर किसी तरह खुद को संभाला, मुझे नहीं लगता कि मैं दोबारा इतनी अच्छी तैयारी कर पाउँगा.”
सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक़ हरियाणा में बेरोज़गारी दर पूरे देश के मुक़ाबले सबसे अधिक है. अगस्त 2021 में हरियाणा में बेरोज़गारी की दर 28.1% है. ये हाल तब है जब हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह ने पिछले महीने पंजाब केसरी हरियाणा को दिए एक इंटरव्यू में 9 महीनों में प्रदेश के 50 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी.
बिना पर्ची-खर्ची, पारदर्शी भर्ती के नारे के साथ भाजपा हरियाणा में सत्ता में आई थी. इससे लोगों को काफ़ी उम्मीदें भी बंधी थी. लेकिन अब हर भर्ती किसी न किसी विवाद में फंसकर या तो पूरी नहीं हो पाती या रद्द कर दी जाती है. जिस तरह से लगभग परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, उसको देखकर तो यही लगता है कि वर्तमान सरकार नौकरियों में धांधली रोकने में नाकाम साबित हो रही है.
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