मांगें नहीं मानी तो और तेज होगा आंदोलन: आशा वर्कर्स
अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से सड़को पर आंदोलन कर रहीं आशा वर्कर्स को सरकार की ओर से बैठक के लिए बुलाया गया था. सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव आर के खुल्लर बैठक में शामिल हुए. आरके खुल्लर ने अंतिम नतीजे पर पहुंचने के लिए आशा वर्करों से एक हफ्ते का समय मांगा है. यूनियन ने कहा कि सरकार जब तक मांगो का निपटारा नहीं करेगी हड़ताल जारी रहेगी. 18-19 अक्तूबर को सरकार के मंत्रियों और विधायकों के दरवाजों पर 24 घंटे का पड़ाव डाला जाएगा.
करीब 3 घंटे चली बैठक में यूनियन की ओर से आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव सुनीता, सीटू महासचिव जय भगवान, यूनियन कोषाध्यक्ष अनीता, उपाध्यक्ष रानी शामिल रहें. यूनियन अध्यक्ष सुरेखा और महासचिव सुनीता ने कहा कि सरकार के साथ यह चौथे दौर की वार्ता थी. मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ने बताया कि यूनियन के साथ पिछली बैठक के बाद वित्त विभाग और मुख्यमंत्री के साथ मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई है. आज जो चर्चा हुई है उस बारे अगले 4-5 दिन में अंतिम निर्णय पर पहुंच जायेगा. पहली बैठकों के बाद विभाग अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि केंद्र सरकार का पिछले दो महीने का एक्टिविटी का 2000 रूपये फिक्स और राज्य का फिक्स 4000 रूपये वर्कर्स के बैंक खाते में डाल दिया जाए.
यूनियन नेताओं ने कहा, “20 हजार आशा वर्कर्स मजबूती के साथ हड़ताल पर डटी हैं. हमें जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है. सरकार जानबूझकर आंदोलन को लंबा खींच रही है. सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है. हम चेताना चाहते हैं कि प्रदेश की आशा वर्कर्स इस परीक्षा में पास होंगी. आंदोलन को और तेज किया जाएगा. जब तक मांगों का निपटारा हमारे काम और महंगाई के अनुसार नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा. यह सरकार को तय करना है कि वह आंदोलन को कितना लंबा खींचना चाहती है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार व मुख्यमंत्री इस दिशा में जल्द फैसला लेकर मांगों का निपटारा करेंगे.
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