इन एंकरों और चैनलों का बहिष्कार करेगा ‘इंडिया’ गठबंधन

 

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन यानी इंडिया ने आगामी चुनावों से पहले एक कड़ा फैसला लिया है. इसके मुताबिक देश के समावेशी ताने-बाने को खराब करने वाले एंकर और चैनलों पर अब इंडिया गठबंधन के सदस्य या प्रतिनिधि नजर नहीं आएंगे. 

बुधवार को दिल्ली में गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक हुई. बैठक के बाद मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक गठबंधन के सदस्यों ने फैसला लिया कि वो कुछ चैनलों और एंकरों का बहिष्कार करेंगे. इसके बाद ये ख़बर जंगल की आग की तरह फैल गई. अटकले लगाई जाने लगीं कि वो कौन से एकर और चैनल हैं जिनका बहिष्कार इंडिया गठबंधन करने जा रहा है. अभी तक इन नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. लेकिन विश्वस्त सूत्रों के हवाले से न्यूज़लॉन्ड्री के पास उन नामों की सूची आ गई है. आज दोपहर बाद होने वाली बैठक के बाद इन नामों को सार्वजनिक किया जा सकता है.

जानिए कौन से हैं वो चैनल और एंकर

गठबंधन की मीडिया समिति ने बहिष्कार के लिए जिन नामों पर चर्चा कि उनमें से फिलहाल चार चैनलों के नाम पर सहमति बन गई है. वे इस प्रकार हैं: 

रिपब्लिक भारत

टाइम्स नाऊ

सुदर्शन

दूरदर्शन

इन एंकरों का होगा बहिष्कार

साथ ही गठबंधन ने 14 एंकरों के बहिष्कार का फैसला भी किया है. इन नामों की आधिकारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है. मीडिया समिति के एक सदस्य ने हमसे उन एंकरों के नामों की पुष्टि की है. ये नाम हैं: 

आखिर क्यों लिया ये फैसला?

गठबंधन की मीडिया समिति के एक सदस्य ने हमें बताया, “चैनलों के बहिष्कार का फैसला इस आधार पर लिया गया है कि वो जनसरोकार से जुड़े मुद्दों से कितने दूर हैं.” उन्होंने लगे हाथ यह भी कहा कि कुछ चैनल और एंकर दिनभर सांप्रदायिक बहसें आयोजित करते हैं और लोगों को मंदिर-मस्जिद के झगड़ों में उलझाते हैं. इसलिए गठबंधन इनकी बहसों और चैनलों का हिस्सा नहीं बनना चाहता.

क्या ये बहिष्कार स्थाई है? 

इस सवाल के जवाब में सदस्य ने कहा कि कि गठबंधन बहिष्कार के बाद अगले कुछ महीनों तक इन चैनलों और एंकर के शो का मुआयना करेगा. अगर इनमें सुधार पाया जाता है तो इनका बहिष्कार वापस लिया जा सकता है.

बहिष्कार के बाद भी यदि कोई सुधार न हुआ तो तब गठबंधन क्या करेगा? इस सवाल पर सदस्य ने कहा कि अगर सुधार नहीं होता है तो इस वक्त करीब 11 राज्यों में गठबंधन की सरकार हैं, उन राज्यों में इन चैनलों के विज्ञापन पर रोक जैसे उपाय भी अपनाए जा सकते हैं. 

साभार- न्यूजलॉंड्री