गेहूं पर 25% आयात शुल्क जून तक, किसानों को राहत
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर अंकुश रखने के लिए आयात शुल्क तीन महीने यानी आगामी जून तक लागू रखने का फैसला किया है। गेहूं के आयात पर फिल्हाल 25 फीसदी आयात शुुल्क है जो अब 30 जून तक जारी रहेगा। इस फैसले से गेहूं की नई फसल समय किसानों को सस्ते आयात की मार से बचाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने 28 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा है कि गेहूं आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क 31 मार्च से आगे 30 जून 2016 तक जारी रहेगा।
सरकार को उम्मीद है कि इस बार गेहूं का उत्पादन आठ प्रतिशत से ज्यादा बढ़ेगा। हालांकि, देश के कई इलाकों में सूखे और बेमौसम बारिश-आलोवृष्टि की वजह से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। कमजोर मानसून के बावजूद सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2015-16 के दौरान देश में गेहूं का उत्पादन 8.42 फीसदी बढ़कर9 करोड़ 38 लाख टन तक पहुंच सकता है। गेहूं पर लागू आयात शुल्क जारी रखने का ये फैसला सरकार ने ऐसे समय लिया है जब कटाई शुरू होने वाली है और सरकारी गोदामों में पहले से पर्याप्त गेहूं मौजूद है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में गेहूं पर वर्ष 2006 के बाद पहली बार 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया था। वैश्विक बाजार में गेहूं की गिरती कीमतों के मद्देनजर आयात शुल्क अक्टूबर में बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया था। आयात शुल्क में इस बढ़ोतरी को तीन महीने के लिए जारी रखने के फैसले से किसानों को सस्ते आयात की मार से बचाने में मदद मिलेगी। इस महीने के आखिर तक मंडियों में नई फसल का गेहूं आने वाली है। केंद्र सरकार के कृषि, खाद्य और वाणिज्य मंत्रालयों ने गेहूं के आयात शुल्क को बढ़ाए रखने का यह फैसला काफी विचार विमर्श के बाद लिया है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने इस वर्ष किसानों से 3.05 करोड़ टन गेहूं खरीद करने का लक्ष्य तय किया है। सरकार के केन्द्रीय पूल में एक अप्रैल को सामान्य तौर पर 76 लाख टन का बफर स्टाॅक होना चाहिये लेकिन केन्द्रीय पूल में गेहूं का मौजूदा स्टाॅक 1.35 करोड़ टन का है। पिछले एक वर्ष के दौरान एफसीआई ने खुले बाजार अभियान के जरिये 70 लाख टन गेहूं की बिक्री की है।