उधर राष्ट्रपति बाइडन और मोदी गले लगे, इधर किसानों और मुर्गी पालकों के हितों के गले कटे!
देश का मीडिया जी-20 के आयोजन की बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्टिंग करने के चक्कर में एक महत्वपूर्ण खबर पर चुप्पी मार गया है. दरअसल ठीक जी-20 के आयोजन के दौरान ही भारत ने अमेरिकी खेतीबाड़ी और पॉल्ट्री उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने की हामी भर दी है. भारत द्वारा अमेरिकी खेती उत्पादों के लिए अपना बाजार खोले जाने के फैसले के चलते अब अमेरिकी किसान और बिजनेसमैंन रियायती आयात शुल्क जैसे फायदे लेकर अपने खेती और पॉल्ट्री उत्पाद भारत के बाजार में आसानी से बेच सकेंगे.
अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) कैथरीन ताइ ने तीन दिन पहले अमेरिका में जारी एक वक्तव्य के जरिये यह बात रखी है. हालांकि भारत की तरफ से अभी कोई ब्यान नहीं सामने आया है. यूएसटीआर ने कहा है कि भारत और अमेरिका डब्ल्यूटीओ में कई साल से चल रहे अपने विवाद को सुलझाने में कामयाब हो गए हैं. इस समझौते के तहत भारत अमेरिकी उत्पादों जैसे फ्रोजन टरकी, फ्रोजन डक, फ्रैश ब्लूबैरी, क्रेनबैरी जैसे अनेकों उत्पादों पर आयात शुल्क घटाने के लिए राजी हो गया है. इस हिसाब से अमेरिकी किसानों और बिजनेस करने वाले लोगों को भारत के रूप में एक महत्वपूर्ण बाजार मिलने जा रहा है.
इस पूरी खबर मेनस्ट्रीम मीडिया चुप्पी मारे बैठा है, लेकिन भारत की पत्रकारिता में प्रमुख हस्ताक्षर वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह ने इस खबर को सामने लाकर मेनस्ट्रीम मीडिया की सस्ती गेटकीपिंग पर पानी फेर दिया है. इस मामले को लेकर जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) के डब्ल्यूटीओ सेंटर के पूर्व प्रमुख बिस्वजीत धर ने ग्रामीण पत्रकारिता के महत्वपूर्ण पॉर्टल रूरल वॉइस के साथ एक बातचीत में बताया कि यह समझौता घरेलू पॉल्ट्री किसानों और दूसरे किसानों के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूटीओ में जारी इस विवाद में भारत के जीतने की संभावना बहुत कम थी लेकिन हमें कुछ रास्ता निकालने की जरूरत थी. यह समझौता अमेरिकी किसानों और अमेरिकी कंपनियों के लिए जरूर फायदेमंद रहेगा पर हमारे देश के लिए नुकसानदेह साबित होगा.
यूएसटीआर के नोट में कहा गया है कि दिल्ली में जी-20 बैठक के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के अवसर पर यह घोषणा की जा रही है. अगस्त में, G20 व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक के बाद, राजदूत ताई ने भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल से मुलाकात की थी.
जून में भारत और अमेरिका डब्ल्यूटीओ में जारी छह विवादों को समाप्त करने पर सहमत हुआ था. उस समझौते के तहत भारत ने अमेरिकी चना, मसूर दाल, अखरोट, बादाम, सेब, बोरिक एसिड और डायगनोस्टिक रीजेंट्स जैसे कई महत्वपूर्ण कृषि उत्पादों पर सीमा शुल्क घटाने पर सहमति दे दी थी.
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