लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने 7 किसानों को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बीते साल तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या मामले में यूपी पुलिस किसानों के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में एसआईटी अब तक कुल सात किसानों को गिरफ्तार कर चुकी है. अभी हाल ही में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दो किसानों को गिरफ्तार किया है.
अधिकारियों के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में एसआईटी ने बीती एक जनवरी की शाम दो किसानों- तिकुनिया कोतवाली सीमा अंतर्गत खैरतिया गांव निवासी कंवलजीत सिंह (35 वर्ष) और पलिया कोतवाली क्षेत्र के बबौरा निवासी कमलजीत सिंह (29 वर्ष) को गिरफ्तार किया है.
अन्य आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस ने थानों और चौकियों के अलावा अन्य सार्वजिनक जगहों पर फोटो चस्पा कराए थे. एसआईटी ने पहचान के बाद थाना पलिया के बबौरा फार्म निवासी कमलजीत सिंह, सोनू उर्फ कवलजीत और गुरुप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है.
अधिकारियों के अनुसार, किसानों के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में एसआईटी अब तक कुल सात किसानों को गिरफ्तार कर चुकी है, इसके पहले चार अन्य विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, रंजीत सिंह और अवतार सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जो जेल में बंद हैं.
बताया गया कि इन पर भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) की हत्या में शामिल होने का आरोप है.
लखीमपुर मामले में दो एफआईआर हुई थीं, पहली एफआईआर एक किसान जगजीत सिंह ने चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और 15 से 20 अन्य को आरोपी बनाया था. दूसरी एफआईआर भाजपा के कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा किसानों को गाड़ी से कुचले जाने के बाद हुई हिंसा के दौरान भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत के मामले में दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
लखीमपुर खीरी पुलिस और वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने कहा कि करीब दो महीने पहले एसआईटी द्वारा संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने के बाद से 22 वर्षीय गुरप्रीत सिंह फरार चल रहा था. लिंचिंग मामले में अब तक सात किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
सुमित द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में किसानों और पत्रकार की मौत का जिक्र नहीं था, जिन्हें कथित तौर पर आशीष के काफिले ने कुचल दिया था. हिंसा से संबंधित पहली प्राथमिकी पुलिस ने आशीष और अन्य के खिलाफ किसानों की शिकायत के आधार पर दर्ज की थी. एसआईटी ने उस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना को ‘योजनाबद्ध’ करार दिया है.
नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का पुनर्गठन किया था और नए सदस्यों को जोड़ा था. सदस्यों में आईपीएस अधिकारी एसबी. शिराडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार जैन शामिल हैं.
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