गुजरात-राजस्थान में टिड्डियों का आतंक, कीट नियंत्रण जुगाड़ भरोसे
देश के दो बड़े राज्यों में टिड्डी दलों ने आतंक मचा रखा है। पाकिस्तान से आए टिड्डी दल गुजरात और राजस्थान में किसानों की हजारों करोड़ रुपये की फसल तबाह कर चुकी हैं। दोनों राज्यों में किसान सरकार से कीट नियंत्रण की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कीट नियंत्रण के उपाय जुगाड़ भरोसे हैं। मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुवार को केंद्र सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए 11 टीमें गुजरात भेजी हैं। उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टिड्डी नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है।
किसानों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्रशासन भी टिड्डयों से बचाव के तरह-तरह के उपाय आजमा रहा है। खबर है कि गुजरात के बनासकांठा जिले में टिड्डियां भगाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है।
पिछले छः माह से उत्तरी पश्चिमी राजस्थान के दस जिले में टिड्डी दल द्वारा खरीफ और अब रबी की फसलें चौपट व स्थानीय वनस्पति और अब किसानों की बारी कुछ रहम करो सरकार @RajGovOfficial @RajCMO @DIPRRajasthan @RajSampark @ashokgehlot51 @Barmer_Harish @KatariaLalchand pic.twitter.com/O1wOQHyYSk
— Ajay sihag (@Ajaysih73705756) December 26, 2019
थाली बजाओ टिड्डी भगाओ यह है भाजपा का नया गुजरात मॉडल।
टिड्डी भगाने के लिए साइंटिफिक तरीक़े से हेलिकोप्टर द्वारा दवा छिड़कने के बजाए ख़ाली मैदान में थाली बजाके भाजपा द्वारा ढोंग किया जा रहा है।
ऐसा कर वे किसान का मज़ाक़ उड़ा रहे है।#ColourBazBJP pic.twitter.com/ENZoKldWQH
— Nikunj Gajera Patidar (FIGHT FOR RIGHT 🇮🇳) (@NikunjPatidarG) December 25, 2019
गुजरात और राजस्थान में पिछले कई महीनों से टिड्डी दलों के हमले जारी है, लेकिन कीट नियंत्रण के सारे प्रयास महज कागजी खानापूर्ति तक सीमित हैं। उत्तरी अफ्रीका से निकलकर सऊदी अरब और पाकिस्तान होते हुए गुजरात और राजस्थान में घुसे टिड्डी दल गुजरात के कच्छ, मेहसाणा, पाटण, और बनासकांठा तक पहुंच चुके हैं। टिड्डियों के आक्रमण की वजह से कपास, गेहूं, सरसों, जीरा समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है।
सेडवा उपखंड
क्षेत्र पुनःअचानक टिड्डी के हमले से किसानो के खेतो में बोई सेकड़ो बीघा फसल जीरा pic.twitter.com/gTF004JsWK— Bhajan Bhadu मैं भी चौकिदार हुं (@bhadu_bhajan) December 23, 2019
क्या देश और प्रदेश के हुक्मरानों आपको सिर्फ वातानुकूलित कमरों में बैठने के लिए ही जनता ने चुना है , ये टिड्डी दल किसानों को बर्बाद कर रहा है !
क्या यही इस दौर का विकसित भारत है @ashokgehlot51 @KatariaLalchand @Barmer_Harish @KailashBaytu pic.twitter.com/MokbIzcGUK— भवानी जैसलमेर (@Bs_Jaisalmer) December 25, 2019
हैरानी की बात है कि गुजरात और राजस्थान में हर साल टिड्डयों हमले में बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान पहुंचता है, इसके बावजूद इससे बचाव का कोई पुख्ता उपाय न तो राज्य सरकारों के पास है और ना ही केंद्र सरकार इसमें कोई खास दिलचस्पी ले रही है। मजबूरी में किसान टिड्डियों को भगाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। थाली, ढोल और डीजे बजाकर टिड्डीयों को भगाने की कोशिश की जा रही है।
#Jalore: नेहड़ क्षेत्र में टिड्डी से फसलों को भारी नुकसान
मुख्यमंत्री गहलोत ने कलेक्टर को दिए निर्देश, टिड्डी प्रभावित गांवों में पहुंचने के निर्देश, कलेक्टर ने SDM, तहसीलदार,BDO को दिये निर्देश टिड्डी प्रभावित गांवों में पहुंचने के निर्देश
@RajCMO @ashokgehlot51 @MlaSanchore pic.twitter.com/zsfU1Nds7n— करमीराम देवासी बडसम सांचौर (@DewasiKaramiram) December 25, 2019
राजस्थान में #टिड्डियों ने मचाया तांड़व
Jaisalmer जिले में टिड्डी दलों का बड़ा हमला, चान्धन सहित पूरे क़स्बे मे पिछले कई दिन में खेतों की फसलें बर्बाद,राज्य व केन्द्र सरकार से निवदेन हम किसानो कि तरफ ऱुख करे, और किसानो को उचित मुआवजा मिले ।
निवेदक__अशोक कुमावत चान्धन जैसलमेर। pic.twitter.com/H3V7a0lw1S— ashok kumawat (@ashokku12012774) December 26, 2019
गहलोत में मांगी केंद्र से मदद
टिड्डी दलों के बढ़ते हमले के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है। उनका कहना है कि टिड्डी नियंत्रण का विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन है। ऐसे में केन्द्र सरकार इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त संसाधन एवं सहयोग उपलब्ध कराए। राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, नागौर, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और जालौर जिलों में टिड्डी दलों का प्रकोप है।
केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के फसल सुरक्षा और टिड्डी चेतावनी से जुड़े कई कार्यालय राजस्थान में होने के बावजूद सब मूकदर्शक बने हुए हैं।
टिड्डियों का लगातार सक्रिय रहना सामान्य घटना नहीं है। चूंकि टिड्डी नियंत्रण का विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन है। ऐसे में केन्द्र सरकार इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त संसाधन एवं सहयोग उपलब्ध कराए। #Rajasthan pic.twitter.com/2Y7gTlytPl
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 24, 2019