महाराष्ट्र: 8 महीने में 1809 किसानों ने की आत्महत्या!

इस साल जनवरी से अगस्त के बीच 8 महीने के भीतर 1,809 किसानों की आत्महत्या करने के आंकड़े सामने आए हैं. इन आठ महीनों के दौरान हर दिन लगभग 7 किसानों ने आत्महत्या की है. वहीं पिछले साल इस अवधि के दौरान आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या और भी ज्यादा थी. पिछले साल किसानों की आत्महत्या के 1,948 मामले सामने आए थे.
वहीं मराठवाड़ा के सूखा ग्रस्त क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में किसानों की ज्यादा आत्महत्या के मामले दर्ज किये गए हैं. अकेले मराठवाड़ा में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 2022 में 670 से बढ़कर 2023 में 685 हो गई. महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के राजनीतिक क्षेत्र विदर्भ में भी किसानों की स्तिथि ठीक नहीं है. महाराष्ट्र के कुल 1,809 मामलों में से 50% मामले अकेले विदर्भ के कपास बेल्ट से हैं. विदर्भ में किसानों की आत्महत्या के 907 मामले सामने आए हैं.
किसानों की आत्महत्या के मामले में मराठवाड़ा दूसरे स्थान पर है. उसके बाद उत्तरी महाराष्ट्र जहां 200 मामले थे. हैरानी की बात है कि किसानों के आत्महत्या के 1,809 मामलों में से केवल 928 यानी 51% को ही राज्य सरकार के मुआवजे के लिए पात्र माना गया है. सरकार केवल उन मामलों में मुआवजा देती है जो कर्ज से जुड़े होते हैं. सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को केवल 1 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है.
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