केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए रबी फसलों की MSP में की बढ़ोतरी, खेतीबाड़ी जानकारों ने बताया नाकाफी

 

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 के लिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है.

सरकार ने आरएमएस 2022-23 के लिए रबी फसलों की एमएसपी में इजाफा कर दिया है. सरकार ने गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी की सरकारी खरीद की कीमतों में इजाफा किया है. गेहूं की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 1975 रुपये प्रति क्विंटल से प्रति क्विंटल 40 रुपये बढ़ाकर 2015 रुपये कर दी गयी है. पिछले वर्ष के एमएसपी में मसूर की दाल और कैनोला (रेपसीड) तथा सरसों में उच्चतम संपूर्ण बढ़ोतरी (प्रत्येक के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल) करने की सिफारिश की गई है. इसके बाद चने (130 रुपये प्रति क्विंटल) को रखा गया है. पिछले वर्ष की तुलना में कुसुम के फूल का मूल्य 114 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है. कीमतों में यह अंतर इसलिए रखा गया है, ताकि भिन्न-भिन्न फसलें बोने के लिये प्रोत्साहन मिले.

फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी को ऐतिहासिक बताने वाले नेताओं पर कृषि पत्रकार अजीत सिंह ने सरकार तंज कसते हुए लिखा है,

“केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 40 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर 2,015 रुपये करने का ऐलान किया है. कुल 40 पैसे प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी है. प्रतिशत में देखें तो महज 2 फीसदी का इजाफा. फिर भी इसे ऐतिहासिक बताया जाएगा. बाकी रबी फसलों के MSP में जौ पर 35 रुपये, चने पर 130 रुपये, मसूर और सरसों पर 400 रुपये प्रति कुंतल बढ़े हैं. मसूर दाल और सरसों के MSP में बढ़ोतरी ठीक-ठाक लग सकती है लेकिन बाज़ार में इनके भाव पहले ही ज्यादा हैं. MSP पर खरीदी जाने वाली प्रमुख फसल गेहूं है.

इस तरह रबी फसलों पर कुल 2 से 8.6 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है जो खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए नाकाफी है. महंगाई के हिसाब से देखें तो मसूर और सरसों के अलावा रबी फसलों के MSP में गिरावट ही आई है. इस मामूली बढ़ोतरी को भी सरकार लागत का डेढ़ से दो गुना दाम बता रही है. क्योंकि लागत ही कम आंकी गई है. वैसे, किसान अब इस खेल को समझ गए हैं.”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इस बड़ा निर्णय बताया है.

दूसरी तरफ खेतीबाड़ी मामलों के जानकार रमनदीप मान ने सरकार पर तंज करते हुए लिखा है, “रबी सीजन के लिए गेहूं 2022-23 का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए/क्विंटल बढ़ाया गया, मिनिमम सपोर्ट प्राइस में इतनी ज्यादा वृदि का क्या करेंगे किसान, कहाँ रखेंगे इतने ज्यादा पैसे, बैंक में या फिर कहीं और?”