यूनिवर्सिटियों में मोदी सरकार की योजनाएं, योग, वैदिक गणित, नैतिक शिक्षा जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे!
उत्तर भारत की कई यूनिवर्सिटियों में छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच विकसित करने के लिए अपने पाठ्यक्रम में 24 वैल्यू एडेड कोर्स शुरू करने की योजनाएं बन रही हैं. इन कोर्सों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, खुश रहने की कला और भारतीय वैदिक साहित्य जैसे विषय शामिल हैं. यूनिवर्सिटियों में शुरू किए जा रहे ये कोर्सेज अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क -2022 (यूजीसीएफ) का हिस्सा हैं, जिन्हें 2022-23 में शुरू हो रहे नए बैच में पढ़ाया जाएगा.
इन नए विषयों का उद्देश्य छात्रों में आलोचनात्मक सोच विकसित करना है, जिसके तहत स्वच्छ भारत, फिट इंडिया, डिजिटल इंडिया, डिजिलॉकर, ई-अस्पताल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ई-पाठशाला, भीम और कौशल शिक्षा जैसे 24 विषय इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन के छात्रों को पढाए जाने हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने मंजूरी भी दे दी है.
ये विषय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस चार वर्षीय ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) का हिस्सा होंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किए गए इन विषयों को ‘रोजगार बढ़ाने’ के रूप में प्रचारित किया गया जा रहा है. इन विषयों में से छात्र प्रत्येक सेमेस्टर में अपनी पसंद का कम से कम एक विषय चुनना पड़ेगा और हर कोर्स में दो क्रेडिट्स होंगे और ऐसे 24 विषयों में से जितने चाहें उतने चुन सकते हैं.
ये 24 वैल्यू एडेड कोर्स प्रोफेसर निरंजन कुमार की अध्यक्षता वाली वैल्यू एडिशन कोर्स कमेटी द्वारा तैयार किए गए हैं. इनमें से कुछ कोर्स इमोशनल इंटेलिजेंस, आर्ट ऑफ बीइंग हैप्पी, फाइनेंशियल लिटरेरी एंड एथिक्स, वैदिक मैथमेटिक्स और वैल्यू ऑफ इंडियन ट्रेडिशन सिस्टम भी हैं. प्रोफेसर कुमार ने मीडियो को दिए अपने ब्यान में कहा, “यह पहली बार है जब डीयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने इस तरह के पाठ्यक्रम शुरू किए हैं.. वे सामाजिक-निर्माण के मामले में गेम-चेंजर के रूप में कार्य करेंगे.”
जैसा कि नई शिक्षा नीति के ढांचे में उल्लेख किया गया है, इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्राप्त क्रेडिट को छात्र के अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जोड़ा जाएगा.
ये विषय सिर्फ दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही लागू नहीं किए जा रहे बल्कि उत्तर भारत की कई यूनिवर्सिटियों में इन्हें लागू किया जा रहा है. चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में भी इन्हें लागू करने के लिए कमेटी बना दी गई है. नाम न छापने की शर्त पर पंजाब यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने बताया, “यूनिवर्सिटी ने इन विषयों को लागू करवाने के लिए एक कमेटी बनाई है. अभी सारे विषय तय नहीं किए गए हैं, लेकिन योगा, वैदिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा जैसे विषयों पर ही विचार चल रहा है.”
हालांकि दबे स्वर में वैल्यू एडेड कोर्स में विषयों के चुनाव की आलोचना भी यूनिवर्सिटियों के कई प्रोफेसर कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये पाठ्यक्रम छात्रों को रोजगार पाने के दृष्टिकोण से शिक्षित करने के लिए नहीं बनाए गए हैं, इनका कोई और ही मकसद है. डीयू की एकेडमिक काउंसिल के सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर मिथुनराज धूसिया ने कोर्स के विषय तय करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए बताया, “ये पाठ्यक्रम कैसे तय किए गए? शुरुआत में अलग-अलग विभागों ने वीएसी के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त समिति को अपनी जरूरत के हिसाब से सुझाव दिए थे. इन विषयों के चुनाव को अलग-अलग विभागों की स्वायत्तता पर छोड़ देना चाहिए था.”
इन वैल्यू एडेड कोर्स के जरिए कौनसे सब्जेक्ट पढ़ेंगे छात्र
इन वैल्यू एडेड कोर्स में एक विषय फिट इंडिया है जिसमें मोदी सरकार की पहल, शारीरिक गतिविधि, स्वास्थ्य और फिटनेस और फिटनेस के संकेतकों का अध्ययन शामिल है. इस विषय पर एक आवश्यक पठन सूची में सरकार की ‘फिट इंडिया’ वेबसाइट शामिल है. ‘वैदिक गणित’ पर पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को ‘वैदिक गणित’ का उपयोग करके जोड़, घटा और भाग सिखाया जाएगा. पेपर के व्यावहारिक घटक में छात्रों के दिमाग से गणित के डर को दूर करने में मदद करने के लिए ‘वैदिक गणित’ पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. ‘स्वच्छ भारत’ के तहत, छात्र “स्वच्छ भारत अभियान का महत्व” सीखेंगे. छात्र घरों (2014 बनाम 2022) और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) गांवों में स्वच्छता कवरेज का भी अध्ययन करेंगे. आवश्यक पठन सूची में योजना पर सरकारी साहित्य पढ़ना शामिल है.
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