अबोहर में 1 अक्टूबर को ‘किसान संसद’, राजनीतिक दलों से सवाल पूछेंगे किसान!

 

राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा किसानों को बातचीत के लिये समय न देने से तंग आकर किसानों ने अब जवाब मांगने के लिए 1 अक्टूबर को अबोहर में अपनी ‘किसान संसद’ आयोजित करने का फैसला किया है. किसानों ने अपने सवालों का जवाब लेने के लिए आप, कांग्रेस, शिरोमणी अकाली दल और बीजेपी नेताओं को भी आमंत्रित किया है. फाजिल्का जिले में बीकेयू राजेवाल के अध्यक्ष सुखमंदर सिंह ने कहा, ‘किसान संसद’ बीकेयू राजेवाल के बैनर तले आयोजित की जाएगी. “हम नहरी पानी की कमी से पीड़ित हैं और हम लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहे हैं. इसके अलावा, किन्नू की फसल और कई अन्य चीजों के लिए राजनीतिक दलों की मार्केटिंग योजनाओं को भी जानना चाहते हैं. इसलिए हमने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को जवाब देने के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया है.

उम्मीद है, वे हमारी शिकायतें सुनने के लिए गांवों का दौरा करेंगे, इसके लिए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को आमंत्रित करेंगे. इससे पहले, पांच किसान यूनियनों ने पानी के मुद्दे पर राजनीतिक दलों का रुख जानने के लिए सितंबर के पहले सप्ताह में चंडीगढ़ में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की थी. हालाँकि, शिअद और भाजपा के प्रतिनिधि बैठक में नहीं आये.

अबोहर के एक स्थानीय किसान दर्शन सिंह ने कहा, “इस मानसून में जहां फाजिल्का और जलालाबाद के कई सीमावर्ती गांवों में बाढ़ आ गई, वहीं अबोहर के गांवों को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा. इससे हमारी कपास की फसल प्रभावित हुई है. हमें अपनी समस्या का कोई समाधान नहीं मिल रहा है. हमारे पास नेताओं से सवाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है’ इसमें कोई संदेह नहीं है कि सत्तारूढ़ दल जिम्मेदार है लेकिन हमने विपक्षी दलों के नेताओं को भी बुलाया है क्योंकि ये समस्याएं पुरानी भी हैं’

इस बीच किसान किन्नू की मार्केटिंग, नकली बीज, स्प्रे, पिछले साल खराब हुई फसल के मुआवजे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे. सुखमंदर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अधिक किसान अपने गांवों में भी ऐसी बैठकें आयोजित करेंगे.