पंजाब: किसान नेताओं पर धारा 295 के तहत केस दर्ज, किसानों ने की केस रद्द करने की मांग!

पंजाब में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में लगातार केस दर्ज हो रहे हैं इस बार 295 के तहत किसान नेताओं को भी निशाना बनाया गया है. जगराओं के प्रगतिशील संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय प्रशासन से मिलकर किसान नेताओं पर लगाए गए केस हटाने की मांग की है.
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि शिव शाइना के कथित नेता राजीव टंडन की शिकायत पर थाना डिवीजन नंबर तीन लुधियाना में बिना जांच के दर्ज की गई एफआईआर को रद्द किया जाए. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दूसरे पक्ष को जाने बिना इस धारा के तहत शिकायत दर्ज करना बोलने और राय व्यक्त करने के संवैधानिक अधिकार पर हमला है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार संविधान के अनुच्छेद 51ए को कुचलकर धर्मनिरपेक्षता को खत्म कर रही है और विपक्ष को चुप कराने के लिए ऐसी धाराओं के माध्यम से आतंक का माहौल बना रही है.
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस खतरनाक धारा का इस्तेमाल 7/51 की तरह किया जा रहा है, लेकिन आम आदमी सरकार के चेहरे पर ताला लगा हुआ है. पंजाब में लगातार इस धारा के तहत पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं. इकबाल धानौला, लेखक भूपिंदर फौजी, शाइना रामा मांडी, देविंदर राणा के बाद अब सुरजीत दौधर को 295 के तहत निशाना बनाया गया है.
एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान रिवोल्यूशनरी सेंटर पंजाब के नेता कंवलजीत खन्ना ने कहा कि धारा 295 और 295-ए को रद्द करने के लिए पंजाब स्तर पर जन लोकतांत्रिक संगठनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब में इस तरह के जंगल राज का कड़ा विरोध किया जाएगा.
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